Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में 7 साल पहले घर में घुसकर एक बुजुर्ग की हत्या करने के मामले में अदालत में सुनवाई पूरी होने पर सजा का ऐलान किया गया. सेशन जज ओमी पुरोहित ने इस मामले में नारायण खेड़ा निवासी भरत और रूपलाल को दोषी मानते हुए आजीवन कारावासऔर 50 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया. हालांकि सुनवाई के दौरान रूपलाल की जेल में ही मौत हो गई थी.
लोक अभियोजक तरुण दास बैरागी ने बताया कि 7 साल पहले 23 मई 2017 को धमोतर थाने में नारायण खेड़ा निवासी प्रेमाबाई ने प्रकरण दर्ज करवाया कि बीती रात गांव के ही रहने वाले रूपलाल व भरत नशे में धुत होकर आ. घर में घुस गए और कहने लगे कि हम तेरे पति उदयलाल को नशे के धंधे में लगाएंगे और उठा ले जाएंगे.
मेरे पति जब आए तो दोनों उसे खींच कर ले जाने लगे, बीच बचाव में मेरे ससुर धन्नालाल आए तो रूपलाल ने उसके सर पर लट्ठ से वार किया और मेरे पति के साथ भी दोनों ने मारपीट की और भाग गए. हमले में मेरे पति और ससुर घायल हो गए. बाद में उपचार के दौरान धन्ना की मौत हो गई, इस मामले में पुलिस ने रूपलाल और भरत को गिरफ्तार कर लिया था.
तभी से यह मामला अदालत में विचाराधीन था. सुनवाई पूरी होने पर सेशन जज ओमी पुरोहित ने 70 वर्षीय वृद्ध की हत्या के इस मामले में रूपलाल और भरत को दोषी मानते हुए सजा का ऐलान किया. हालांकि सुनवाई के दौरान रूपलाल की मौत हो गई थी. सेशन जज ने भरत को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने से दंडित करते हुए जेल भेजने के आदेश दिए. पूरे प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 18 गवाह और 30 दस्तावेज अदालत के समक्ष पेश किए गए.