PratapGargh: बरसात शुरू होते ही वन विभाग प्लांटेशन में जुट जाता है, लेकिन प्रतापगढ़ के वन विभाग में इस बार एक अनूठी पहल शुरू की है. वन विभाग में इस बार अपने प्लांटेशन में क्षेत्र की विलुप्त होती जा रही प्रजातियों को प्राथमिकता देते हुए इन प्रजातियों के पौधे तैयार करने में जुटा हुआ है.
प्रतापगढ़ जिले में इस बार वन विभाग की ओर से 70 से अधिक स्थानों पर प्लांटेशन किया जाएगा. इस प्लांटेशन में वन विभाग ने इस बार जिले में पाए जाने वाले पेड़ों की प्रजातियों को प्राथमिकता पर रखा है. इसके लिए विभाग ने फरवरी-मार्च से ही मशक्कत शुरू कर दी थी.
बड़े स्तर पर किए जाने वाले प्लांटेशन को लेकर वन विभाग ने मार्च के महीने में लगभग 54, प्रजातियों के 30 क्विंटल बीजों का संग्रहण करवाया था. डीएफओ सुनील कुमार ने बताया कि, जिले की कई प्रजातियां विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी है. इसको देखते हुए विभाग ने प्लांटेशन में ज्यादा से ज्यादा विविधता आए और स्थानीय प्रजातियों को खत्म होने से बचाया जा सके. इसके लिए स्थानीय प्रजातियो को प्राथमिकता पर रखा है. उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रजातियों के बीजों का अंकुरण का प्रतिशत कम रहने के कारण बड़ी संख्या में बीजों का संग्रहण करवाया गया है. जिससे क्षेत्र में एक बार फिर से स्थानीय पेड़ों की प्रजातियों बहुलता हो सके.
प्रतापगढ़ जिले का लगभग 41% भूभाग वन क्षेत्र में आता है. यहां सागवान खैर पाडल खेलनी अर्जुन बहेड़ा धोक मुंजा सहित कई प्रजातियों के पेड़ कभी बहुतायत में होते थे लेकिन जंगलों के कटने के कारण इनमें से कई प्रजातियां विलुप्त पीके कगार पर आ गई है इसके साथ ही इन प्रजातियों को वन विभाग की नर्सरी में भी तैयार नहीं किया जाता है. जिसके कारण भी इनकी संख्या में वृद्धि नहीं हो पा रही थी, अब वन विभाग स्थानीय प्रजातियों को प्लांटेशन क्षेत्र में लगवा रहा है और विभाग को उम्मीद है की एक बार फिर से विलुप्ति के कगार पर पहुंची यह प्रजातियां क्षेत्र में नजर आएंगी.
Reporter: Vivek Upadhyay