विधायक और सभापति के रसूख के आगे बिजली विभाग के अधिकारी पूरी तरह खामोश है और सभापति अपने रसूख का फायदा उठाते हुए चोरी की बिजली जला रहे है.
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Sawai Madhopur: उच्च पदों पर आसिन जनप्रतिनिधियों के समक्ष प्रशासन किस तरह से नतमस्तक हो जाता है, इसकी बानगी सवाई माधोपुर में भली भांति देखी जा सकती है. वैसे तो सवाई माधोपुर नगर परिषद का विवादों से चोली दामन का साथ रहा है, लेकिन इस बार नगर परिषद सभापति विमलचंद महावर की वजह से नगर परिषद सुर्खियों में है. स्थानीय विधायक दानिश अबरार के बेहद करीबी माने जाने वाले कांग्रेस के नगर परिषद सभापति विमलचंद महावर का सरकारी आवास इन दिनों चोरी की बिजली से रोशन हो रहा है.
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विधायक और सभापति के रसूख के आगे बिजली विभाग के अधिकारी पूरी तरह खामोश है और सभापति अपने रसूख का फायदा उठाते हुए चोरी की बिजली जला रहे है. जानकारी के अनुसार सभापति के सरकारी आवास का करीब डेढ़ साल पूर्व ही बिल जमा नहीं होने के चलते बिजली कनेक्शन कट गया था लेकिन सभापति ने अपने रसूख और विधायक की धौंस में आकर खुद ही फर्जी तरीके से अपना बिजली कनेक्शन जोड़ लिया और अपने सरकारी आवास में चोरी से बिजली का जमकर उपभोग कर रहे है.
बिजली विभाग के मानटाउन ऑफिस के एक अधिकारी ने दबिजबान में बताया कि बिजली विभाग द्वारा तकरीबन तीन बार सभापति के आवास का बिजली कनेक्शन काटा जा चुका लेकिन सभापति द्वारा बार-बार बिजली कनेक्शन जोड़ लिया जाता है. बड़ी बात ये है कि सभापति विमलचंद महावर द्वारा अपने सरकारी आवास में की जा रही बिजली चोरी का बिजली विभाग के अधिकारियों को भी पता है, लेकिन सभापति के रसूख के सामने बिजली विभाग के अधिकारी कुछ नहीं कर पा रहे हैं.
बिजली विभाग द्वारा अब तक ना तो सभापति को कोई नोटिस दिया गया और ना ही उनकी वीसीआर भरी गई ओर ना उनके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज कराई गई, जबकि अगर अन्य कोई साधारण आदमी बिजली चोरी करता तो बिजली विभाग उसकी लाखों की वीसीआर भर देता, लेकिन सभापति के खिलाफ बिजली विभाग के अधिकारी नतमस्तक है.
सभापति के सरकारी आवास पर बिजली चोरी के मामले को लेकर जब बिजली विभाग के एसई रामखिलाड़ी मीणा से मीडिया ने बात की, तो उनका कहना था कि सभापति को नोटिस दिया जाएगा और अगर फिर भी बिजली चोरी की गई तो उनकी वीसीआर भरी जाएगी और आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाएगी. इस पूरे मामले पर सभापति मीडिया के सामने आने को तैयार नहीं है.
Reporter: Arvind Singh