Sawai Madhopur: सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर उपखंड मुख्यालय पर संचालित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्थाओं का हाल बेहाल है, इलाज की बेहतर सुविधाएं न होने के कारण लोग परेशान हैं, वहीं सरकारी सुविधाओं का लाभ न मिलने से निजि क्लीनक और हॉस्पिटल्स की बल्ले बल्ले है.
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Sawai Madhopur: सवाई माधोपुर में सरकार चिकित्सा सुविधाओं के नाम पर लाखों रुपए पानी की तरह खर्च कर रही है. मगर ग्रामीण क्षेत्र में आज भी मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलती नजर नहीं आ रही. ऐसा ही एक मामला बुधवार को मलारना डूंगर उपखंड मुख्यालय पर संचालित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला यहां दोपहर 12 बजे तक अस्पताल में डॉक्टर नहीं पहुंचने से मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ी.
डॉक्टरों की लेटलतीफी को लेकर आक्रोशित मरीजों के परिजन एसडीएम कार्यालय पहुंचे और एसडीएम किशन मुरारी मीणा को लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई कर सीएचसी में स्थाई चिकित्सक लगाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा.
युवक कांग्रेस प्रदेश महासचिव अकरम बुनियाद,शब्बीर खान, बुनियाद खान,रिहान मिर्जा सहित अन्य ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बताया कि उपखंड स्तरीय अस्पताल में दो डॉक्टर कार्यरत है जो चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कार्य व्यवस्था के लिए लगा रखे हैं. परंतु बुधवार को दोपहर 12 बजे तक दोनों ही चिकित्सक सीएचसी से नदारद रहे जिसके चलते मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा.
ग्रामीणों ने बताया कि गत दिनों प्रभारी मंत्री की जनसुनवाई के दौरान भी ग्रामीणों ने स्थाई चिकित्सक लगाने की गुहार लगाई थी जिस पर प्रभारी मंत्री भजनलाल जाटव व प्रभारी सचिव डॉ समित शर्मा एक सप्ताह में दो स्थाई चिकित्सक लगाने के निर्देश दिए थे परंतु 10 दिन गुजर जाने के बाद भी स्थाई चिकित्सक नहीं लगाए गए जिससे ग्रामीणों में खासा आक्रोश व्याप्त है ग्रामीणों ने साईं चिकित्सक नहीं लगाने पर सीएचसी पर तालाबंदी की चेतावनी दी.
ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ. रंजना निराणिया ने बताया कि सीएचसी पर स्थाई चिकित्सक का अभाव है खिरनी सीएचसी से एक चिकित्सक लगाने के आदेश जारी किए हैं. जल्द सीएचसी में स्थाई चिकित्सकों की नियुक्ति होगी डॉक्टरों की लेटलतीफी की जानकारी नहीं है किसी कारण से लेट हो गए जानकारी कर कार्रवाई करेंगे उधर एसडीएम किशन मुरारी मीणा ने भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. धर्मसिंह मीणा से दूरभाष पर वार्ता कर संबंधित चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
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