उदयपुर में दो भतीजों ने अपने चाचा को मौत की नींद सुला दिया. दोनों भतीजों ने तलवार से चाचा की हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
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Udaipur: उदयपुर के आदिवासी अंचल खेरवाड़ा कस्बे के बंजारिया निचला फला गांव में दो भतीजों ने मिलकर तलवार से हमला कर अपने चाचा की निर्मम हत्या कर दी और मौके से फरार हो गए. होली के त्योहार पर गांव में हुई इस हत्याकांड से सनसनी फैल गई.
सात मार्च को होली के पर्व के दिन चारों तरफ होली के रंग उड़ रहे थे. होली की मस्ती में हर कोई डूबा हुआ था. इसी दौरान उदयपुर जिले के खेरवाड़ा थाना क्षेत्र के बंजारिया निचला फला गांव में दो भतीजों ने अपने चाचा के साथ खून की ऐसी होली खेली जिसने मानवीय संवेदनाओं को तार तार कर दिया. दरअसल सात मार्च की दोपहर को विकास मीणा और जयशे मीणा अपने चाचा बंसीलाल डामोर के घर पहुंचे.
जहां विकास ने अपने चाचा बंशीलाल से पीने के लिए बीड़ी मांगी. जब वह बीड़ी पी रहा था तो उसने पुराने विवाद को लेकर अपने चाचा के साथ गाली गलौच करना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में विकास ने चाचा के साथ मारपीट शुरू की दी और उसकी गला दबाने लगा. तभी उसके भाई जयेश ने तलवार से चाचा बंशीलाल पर हमला कर दिया. जिससे उसके हाथ की कलाई कट करजमीन पर गिर गई. अपने ऊपर अचानक हुए इस हमले से बचने के लिए बंशीलाल घर के अंदर भागने लगा लेकिन मानो बंशीलाल के भतीजों के सिर पर खून सवार था और वे अपने चाचा को जान से ही मारने की योजना बना कर आए.
जयेश ने घर के अंदर जा रहे चाचा के सिर पर फिर तलवार से हमला किया. जिससे वह नीचे गिर पड़ा. इसके बाद जयेश ने एक के बाद एक तलवार के कई वार अपने चाचा के सिर पर किए. जिससे बंशीलाल का सिर पूरी तरह से बिखर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. भतीजे जब अपने चाचा को मौत के घाट उतार रहे थे तो बंशीलाल का 14 साल का बेटा राहुल उसका छोटा भाई अश्विन, बहने बिंदू और अर्चना भी वहीं पर मौजूद थी लेकिन ये मासूम अपने भाईयों का विरोध नहीं कर पाए और असहाय हो कर अपनी पिता की मौत का नजारा देखने को मजबूर थे.
इस दौरान वे बस चिल्लाते रहे लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं था. हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी मौक से फरार हो गए. घटना की सूचना मिलने पर खेरवाड़ा थानाधिकारी सबीर खान मय जाब्ता मौके पर पहुंचे. पुलिस ने घटना स्थल का मौका मुआयना किया और शव को स्थानिय चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवाया. पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई कर शव का पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों को सौंप दिया.
परिजनों के रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया. आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें आस पास के जंगलों में दबीश दे रही थी. तभी मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि चाचा की हत्या के आरोपी भतीजे बंजारिया और कण्डाल के जंगलों में छिपे हुए हैं और वहां से मौका देख कर भागने की फिराक में हैं. इस पर पुलिस के टीमें मौके पर पहुंची और दोनों ही आरोपियों को दबोच लिया. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. वहीं आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या के लिए इस्तेमाल हुई तलवार को भी जब्त कर लिया. पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया.
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