Robbery on Aurangzeb's ship Ganj-e-Sawai: जिस क्रूर औरंगजेब का कब्जा सुदूर दक्षिण भारत तक था, उसी का सोने से लदा जहाज एक डकैत ने लूट लिया था. इस डकैती के बावजूद वह कभी पकड़ में नहीं आ पाया. आखिर ऐसा दुस्साहस करने वाला कौन था.
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Robbery on Aurangzeb's ship Ganj-e-Sawai by Henry Avery: मुगल वंश में औरंगजेब को सबसे क्रूर बादशाह माना जाता है. उसने भारत में इस्लाम का प्रसार करने के लिए लाखों हिंदुओं को तलवार के बल पर इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर कर दिया था. उसने बड़े-बड़े सैनिक अभियान चलाकर सुदूर दक्षिण भारत तक अपना कब्जा बढ़ा लिया था. ईस्ट इंडिया कंपनी बनाकर भारत में कारोबार करने आए अंग्रेजों को औरंगजेब से अनुमति लेकर ही व्यापार करना पड़ा. इसके बावजूद एक समुद्री डाकू ने उसी औरंगजेब का सोने से लदा जहाज आसानी से लूट लिया था. वह डाकू कभी भी मुगलों की पकड़ में नहीं आया. बाद में भारत में कारोबार कर रहे अंग्रेजों को इसकी कीमत चुकानी पड़ी.
हर साल मक्का जाता था औरंगजेब का जहाज
इतिहासकारों के मुताबिक औरंगजेब (Aurangzeb) का शाही निशान वाला जहाज गंज-ए-सवाई (Ganj-e-Sawai) हर साल हज करने के लिए सूरत से मक्का की यात्रा पर रवाना होता था. उस जहाज में बेशकीमती सोने और हीरे-जवाहरात के साथ मुगल परिवार के साथ कई खास लोग शामिल होते थे. यह जहाज बहुत मजबूत और लकड़ी की कारीगरी का शानदार नमूना था. इस जहाज पर सुरक्षा के लिए 80 बंदूकें और तोप तैनात की गई थी, जिसे देखकर कोई भी उस पर हमला करने की हिमाकत न कर सके. वह उस जमाने में सर्वशक्तिशाली जहाज हुआ करता था.
समुद्री डाकू ने लूट लिया सोने से भरा जहाज
इसके बावजूद हेनरी एवरी (Henry Avery) नाम के एक समुद्री डाकू ने योजना बनाकर उसे लूटने का फैसला किया. हेनरी जानता था कि मक्का से वापस भारत लौट रहा जहाज लाल सागर में पेरिम द्वीप के पास से गुजरेगा. उसने वहीं पर अपने साथियों के साथ घात लगाकर जहाज को लूटने का फैसला किया. अगस्त 1695 में हेनरी के जहाज ने रात के अंधेरे में औरंगजेब के जहाज को जोरदार टक्कर मारी. इसके चलते औरंगेजब (Aurangzeb) के जहाज का अगला हिस्सा बर्बाद हो गया और उसमें रखी तोपें भी समुद्र में गिर गई. इसके बाद हेनरी के साथियों ने हथियारों के बल पर औरंगजेब के जहाज में चढ़कर सारी धन-दौलत लूट ली और अपने जहाज से फरार हो गए.
अंग्रेजों को चुकानी पड़ी कीमत
जब यह जानकारी औरंगजेब (Aurangzeb) को मिली तो वह आगबबूला हो गया. उसने अज्ञात डाकू और उसके साथियों पर इनाम की घोषणा करते हुए भारत में कारोबार कर रही ब्रिटिश ईस्ट इंडिया पर शिकंजा कस दिया. कंपनी की कई फैक्ट्रियों पर ताला लटका दिया गया और अंग्रेजों को हिरासत में लेकर औरंगजेब के सामने उनकी परेड निकाली गई. अंग्रेजों ने अपनी जान बचाने के लिए उसे हुए नुकसान की भरपाई करने और डकैती करने वाले लोगों को उसके हवाले करने का आश्वासन दिया.
इंग्लैंड का निवासी था डकैत
आखिरकार अंग्रेजों (Aurangzeb) ने खोजबीन कर डकैती करने वाले हेनरी एवरी (Henry Avery) का नाम ढूंढ निकाला. वह एक दुर्दांत समुद्री लुटेरा था और इससे पहले भी लूट-डकैती की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका था. उसका जन्म इंग्लैंड में ही हुआ था और वह पहले रॉयल नेवी शिप पर काम कर चुका था. बाद में उसने स्पेन के कमर्शल जहाज पर काम किया. लेकिन जब उसे वेतन के भुगतान में देरी होने लगी तो उसने पानी को जहाज पर कब्जा कर खुद को उसका कप्तान घोषित कर दिया.
जिंदगीभर कभी नहीं आ पाया पकड़ में
इसके बाद उसने जहाज का नाम बदलकर ‘फैंसी’ कर दिया और समुद्र में जहाजों को लूटने लगा. कई सारी छोटी-मोटी लूट करने के बावजूद वह खुश नहीं था. वह बड़ा हाथ मारना चाहता था, जिससे उसका बाकी जीवन आराम से कट जाए. साथ ही लोगों में उसके नाम की दहशत पैदा हो जाए. जब उसे पता चला कि हर साल औरंगजेब (Aurangzeb) का जहाज हज करने मक्का जाता है और उसमें मुगल परिवार के साथ बड़ी मात्रा में सोना और हीरे-जवाहरात होते हैं तो उसने उसे लूटने का प्लान बनाया, जिसमें वह सफल भी हो गया. हालांकि मुगल सेना के खूब जोर लगाने और अंग्रेजों की भागदौड़ के बावजूद वह कभी पकड़ में नहीं आ पाया.
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