भक्तों की आस्था को देखते हुए मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है. मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर मंदिर के अंदर तक फूलों की सजावट के साथ ही फूलों से मां लिखा गया है.
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मुरादाबाद: मिश्री गिरि जी का टीला प्राचीन सिद्धपीठ श्री काली माता मंदिर लालबाग मुरादाबाद के नाम से प्रसिद्ध है. शारदीय नवरात्रि के पावन दिन चल रहे है.ऐसे में माता रानी के भक्त अपनी मां को मनाने के लिए व्रत और पूजन करते है. मंदिर के पुजारियों की मानो तो मंदिर लगभग 515 वर्ष पुराना बताया जाता है. नवरात्रि में रोजाना लगभग कई हजारों की संख्या में माता रानी के भक्त मां के दरबार में आकर अपनी हाजिरी लगाते है,और मां सबकी मनोकामना जरूर सुनती है.गंगे माता के तट पर मंदिर का अपना एक अलग ही महत्व है.
मंदिर का महत्व
पुजारी पंडित काशी का कहना है, नवरात्रि में प्रतिदिन श्रद्धालु यहां बड़ी संख्या में आते है. गंगे माता के तट पर मंदिर का अपना एक अलग ही महत्व है. हरियल पीपल तेरो भवन विराजे , लाल ध्वजा मठ ऊपर साजे, यहां की आरती का अपना ही अनूठा महत्व हैं, जब मां काली की आरती होती है तो यहीं से सामने दर्शाते हुए सामने मां गंगा और पीपल देवता की भी आरती होती है. भक्त मां के एक बार दर्शन करने के बाद गंगा माता के दर्शन भी करते है.
40 दिन तक लगातार दीपक
भक्तो का कहना है की वह यहां बहुत लंबे समय से आ रहे है, और मां की कृपा से जो भी यहां मनोकामना मांगी जाती वो आवश्य पूरी होती है. मां के मात्र दर्शन से सब काम बन जाते है. भक्तो का ये भी मानना है की जो भी भक्त यहां 40 दिन तक लगातार दीपक जलाता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.
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