Azamgarh News : 31 जुलाई को आजमगढ़ के चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज की 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी ने तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी थी. परिजनों ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर पर गंभीर आरोप लगाए थे. परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
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वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़ : आजमगढ़ में 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी की मौत मामले में नया मोड़ आ गया है. पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल सोनम मिश्रा और क्लास टीचर अभिषेक राय को क्लीन चिट दे दी है. इससे परिजन काफी दुखी हो गए. प्रिंसिपल और क्लास टीचर की रिहाई के बाद परिजनों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.
मरने के बाद भी बेटी को न्याय नहीं मिल पाया
श्रेया के मां बाप का कहना है कि गरीबों का कोई नहीं है. अगर आप गरीब हैं तो आपकी हार तय है. किसके ऊपर भरोसा करके लड़ाई लड़ूं, कौन मुझे न्याय दिलाएगा. मेरी बेटी चली गई लेकिन मेरी बेटी को न्याय भी नहीं मिल रहा है. इस तरह का न्याय मिलना सवाल खड़ा करता है कि आखिर एक दिन में कैसे सबकुछ बदल गया. इस तरह का न्याय मिलना आम आदमी के बस में नहीं है. श्रेया की मां का रो-रोकर बुरा हाल है.
सीएम योगी से न्याय की उम्मीद
श्रेया की मां का कहना है कि गरीब को जीने का अधिकार नहीं है. उन्होंने बताया कि आज उनकी बेटी पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. इससे पहले वह गर्ल्स स्कूल में ब्वॉज स्कूल में पढ़ती थी. जहां लड़के-लड़कियां साथ पढ़ते थे. प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है. अब सीएम योगी से ही न्याय मिलने की उम्मीद है.
यह है पूरा घटनाक्रम
बता दें कि बीते 31 जुलाई को आजमगढ़ के चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज की 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी ने तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी थी. परिजनों ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर पर गंभीर आरोप लगाए थे. परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
साक्ष्यों के अभाव में दे दी क्लीन चिट
इतना ही नहीं विवेचना के बाद पुलिस ने हत्या की धारा को हत्या के लिए उकसाने की धारा में बदल दिया था. इस बीच प्रिंसिपल और क्लास टीचर ने सीजेएम कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था. शिक्षा माफिया अपनी बड़ी पहुंच का लाभ लेते हुए विवेचना को गैर जनपद मऊ ट्रांसफर करा दिया. विवेचना ट्रांसफर होते ही पुलिस ने साक्ष्य का अभाव होने के चलते दोनों को क्लीन चिट दे दी गई.
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