नोएडा में सुपरटेक के 20 हजार फ्लैट खरीदारों को झटका, बिल्डर के नए दावे से यूपी उत्तराखंड समेत चार राज्यों में प्रोजेक्ट रुके
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2655877

नोएडा में सुपरटेक के 20 हजार फ्लैट खरीदारों को झटका, बिल्डर के नए दावे से यूपी उत्तराखंड समेत चार राज्यों में प्रोजेक्ट रुके

Supreme Court  Stays Projects of Supertech: सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की परियोजनाओं पर रोक लगा दी है. आपको बता दूं कि इससे करीब 20 हजार से अधिक खरीदारों को बड़ा झटका लगा है. अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में क्या अगला कदम उठाता है और फ्लैट खरीदारों को कब राहत मिलेगी. 

Noida News, Supertech, Supreme Court, AI photo

Noida Hindi News: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के हजारों फ्लैट खरीदारों को एक और झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक (Supertech) की 16 अटकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (NBCC) को सौंपने के एनसीएलएटी (NCLAT) के आदेश पर रोक लगा दी है. अदालत ने सुपरटेक और अन्य कंपनियों से नए प्रस्ताव मांगे हैं, जिससे फ्लैट खरीदारों की परेशानी और बढ़ गई है.

क्या है मामला?
सुपरटेक की उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और कर्नाटक में 16 परियोजनाएं रुकी हुई हैं. 12 दिसंबर 2024 को एनसीएलएटी ने NBCC को इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की जिम्मेदारी दी थी. इसके तहत 9,945 करोड़ रुपये खर्च कर 12 से 36 महीने में निर्माण कार्य पूरा किया जाना था, जिससे कुल 49,748 फ्लैट खरीदारों को घर मिलना था. NBCC को मई 2025 में काम शुरू करना था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी है.

सुपरटेक का दावा
सुपरटेक ने अदालत को बताया कि वह 12 से 24 महीने में 20,000 खरीदारों को उनके घर सौंप सकता है. कंपनी का कहना है कि उसके पास इस काम के लिए प्रस्ताव तैयार है और वह जल्द से जल्द निर्माण पूरा कर सकता है.

किन परियोजनाओं पर असर?
अपकंट्री, इको विलेज-1, मेरठ स्पोर्ट्स सिटी, ग्रीन विलेज, हिलटाउन, अरावली, रिवर फ्रंट, इको विलेज, केपटाउन परियोजना, इको विलेज-3, स्पोर्ट्स विलेज, इको सिटी, नाथ आई 
इनमें से ज्यादातर प्रोजेक्ट नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में स्थित हैं, जहां 20 से 25 हजार फ्लैट खरीदार प्रभावित हुए हैं.

क्या था NBCC का प्लान?
NBCC को काम शुरू करने से पहले एस्क्रो अकाउंट खोलना था, जिसमें फ्लैट खरीदारों का पैसा सुरक्षित रखा जाता और इसी से निर्माण कार्य आगे बढ़ाया जाता. इसमें NBCC और इनसॉल्वेंसी रेज़ोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) की निगरानी रहती. खरीदारों को सिर्फ वही रकम देनी थी जो बिल्डर पर बकाया थी.

फ्लैट खरीदारों के लिए आगे क्या?
अब सुप्रीम कोर्ट ने नए सिरे से सुपरटेक और अन्य कंपनियों से प्रस्ताव मांगे हैं, जिससे प्रोजेक्ट्स के पूरे होने में और देरी हो सकती है. खरीदारों को आगे की सुनवाई और नए फैसले का इंतजार करना होगा. इस रोक के कारण हजारों लोग अपने आशियाने के लिए और लंबा इंतजार करने को मजबूर हो सकते हैं. 

और पढे़ं: ग्रेटर नोए़डा में बसेगी सिंगापुर और दुबई जैसी सिटी, 759 एकड़ में बनेगा सपनों का शहर, अगले महीने बड़ा ऐलान

गाजियाबाद से खत्म होगा महाजाम, एलिवेटेड रोड से दिल्ली-मोहन नगर से लालकुआं तक तेज रफ्तार से दौड़ेंगे वाहन

 

Trending news