Agniveer Yojana: अग्निवीरों को पक्की नौकरी देगी उत्तराखंड सरकार, सरकारी विभागों में आरक्षण का ऐलान
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Agniveer Yojana: अग्निवीरों को पक्की नौकरी देगी उत्तराखंड सरकार, सरकारी विभागों में आरक्षण का ऐलान

Agniveer Yojana: उत्तराखंड सरकार ने 'अग्निवीर' योजना के तहत सेना में चार साल अपनी सेवा देने वाले युवाओं के करियर को लेकर बड़ा फैसला किया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को राज्य के सरकारी विभागों में आरक्षण देने का ऐलान कर दिया है.

Agniveer Yojana

Agniveer Yojana: अग्निवीर योजना के तहत देश की सेवा करने वाले युवाओं के लिए अच्छी खबर है. अग्निवीरों के करियर को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रिटायर होने के बाद अग्निवीरों को राज्य के सरकारी विभागों में आरक्षण देने का फैसला किया है. यह आरक्षण पुलिस और अन्य सरकारी विभागों में दिया जाएगा.इसके अलावा एक कौशल विकास योजना भी तैयार की जा रही है ताकि अग्निवीरों को रोजगार के बेहतर अवसर मिले. दरअसल, अग्निवीर योजना पर पूरे देश में सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बीच, उत्तराखंड सरकार ने हरियाणा की तर्ज पर ऐलान कर दिया है.

रोडमैप बनाने के निर्देश
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसी साल जून में अधिकारियों को एक रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए थे. सीएम धामी ने कहा था कि रिटायर होने वाले अग्निवीरों को उत्तराखंड सरकार की सेवाओं में कैसे शामिल किया जाएगा, इसे लेकर रोडमैप बनाया जाए. अब रविवार को देहरादून में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि सरकार सेना में चार साल की सेवा पूरी कर चुके अग्निवीरों को रोजगार देने के लिए एक मजबूत कार्यक्रम को अंतिम रूप दे रही है.  

रोजगार के लिए स्किल ट्रेनिंग  
उत्तराखंड पुलिस और अन्य राज्य सरकार के विभागों में इस योजना में अग्निवीरों की भर्ती के प्रस्ताव शामिल हैं. इसके अलावा, रिटायर अग्निवीरों को कई क्षेत्रों में रोजगार से जुड़ी ट्रेनिंग देने के लिए एक कौशल विकास कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है. सीएम धामी ने अधिकारियों को इन प्रस्तावों को शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं. सीएम का कहना था कि यदि जरूरी हुआ तो इन्हें आगामी विधानसभा सत्र में सदन के पटल पर पेश किया जाएगा.  

रोजगार देने में नहीं छोड़ेंगे कोई कसर 
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि उत्तराखंड ऐसा राज्य है जहां के युवा बड़े स्तर पर भारतीय सेना में भर्ती होते हैं.  सेना में चार साल की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को नियोजित करने में राज्य सरकार अपनी तरफ से कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी. सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि अग्निवीरों को उनकी सेवा के बाद रोजगार के पर्याप्त अवसर मिले. सीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि यदि जरूरी हुआ तो इस योजना के लिए आरक्षण के प्रावधानों या नए कानून पर विचार किया जाएगा.  

हरियाणा में भी अग्निवीरों को आरक्षण
उत्तराखंड सरकार से पहले हरियाणा सरकार अग्निवीरों के लिए फैसला कर चुकी है. 17 जुलाई को हरियाणा सरकार ने भी अग्निपथ योजना के माध्यम से सेना से रिटायर होने वाले अग्निवीरों के लिए पुलिस और खनन गार्ड की नौकरियों में 10% आरक्षण की घोषणा की थी. साथ ही ग्रुप सी में 5 फीसदी का आरक्षण देने का ऐलान किया था. इसके अलावा ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों के लिए आयु सीमा में तीन साल की छूट भी देने की घोषणा की गई है. जो अग्निवीर अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं उन्हें 5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण भी दिया जाएगा. 

2022 में लॉन्च हुई थी योजना
2022 में केंद्र सरकार ने सशस्त्र बलों को दक्ष बनाने और रक्षा पेंशन बिल को कम करने के लिए अग्निपथ योजना लॉन्च की थी. इस योजना के तहत सेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध पर कर्मियों की भर्ती की जाती है. कुल वार्षिक भर्ती में से सिर्फ 25% को स्थायी कमीशन के तहत अगले 15 सालों तक बने रहने की अनुमति दी जाती है. इस योजना का पूरे देश में विरोध हुआ. आंदोलनकारियों ने कहा कि 4 साल के बाद सेवा छोड़ने वालों को करियर खराब हो जाएगा. जिस पर अब राज्य सरकारें अग्निवीरों के लिए आगे आ रही है.

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