Uttarkashi News: यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ऑल वेदर के तहत सिलक्यारा से डंडालगांव तक नवयुगा कंपनी की निर्माणाधीन टनल के टूटने की खबर है. देर रात टनल टूटने से करीब 50-60 मजदूर टनल के अंदर फंसे हुए हैं.
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हेमकान्त नौटियाल/ उत्तरकाशी: उत्तरकाशी यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के पास निर्माणाधीन सिलक्यारा टर्नल में आज सुबह करीब 5:00 बजे टनल का लगभग 50 से 70 मीटर हिस्सा टूट गया जिसके कारण टर्नल के अंदर करीब 36 से 40 मजदूर फंसे हुए बताए जा रहे हैं. ऑल वेदर सदल टनल का निर्माण कार्य नवयुग कंपनी कर रही है. जिसकी रेख देख NHIDCL कम्पनी के द्वारा हो रहा है. जैसे ही घटना की सूचना मिली जिला प्रशासन की टीम एसडीआरएफ ,पैरामिलिट्री एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और घटना का जायजा लिया. जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला भी टीम के साथ अंदर टर्नल में गए और मौके का जायजा लिया.
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने जानकारी देते हुए कहा कि 35 से 40 मजदूर कंपनी के द्वारा बताये जा रहे हैं कि अंदर फंसे हुए हैं, लेकिन उनका रेस्क्यू कितना समय लगेगा यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. वहीं स्थानीय लोगों से जब जी मीडिया ने बातचीत की तो उनका कहना है की कंपनी की बड़ी लापरवाही के कारण या हादसा हुआ है क्योंकि इसी स्थान पर पूर्व में भी लैंडस्लाइड हो चुका है. एसपी अर्पण यदुवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि टनल के अंदर करीब 30 मीटर हिस्से में मलबा है. इससे आगे सुरंग सही है. जिस स्थान पर मजदूर फंसे हैं वहां अभी ऑक्सीजन उपलब्ध है, बाहर से पाइप डालकर ऑक्सीजन की पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.
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उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि जहां पर टनल मलबे से बंद हो रखी है, उससे कुछ दूरी पर पहाड़ी को ड्रिल कर रास्ता बनाने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए टीएचडीसी से मदद ली जा रही है, उसके पास ऐसी मशीन उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि टनल में फंसे श्रमिकों से अब तक संपर्क नहीं हो पाया है.
एक मजदूर जिसने हादसा होते हुए देखा है उसका कहना है कि जब अचानक टर्नल के अंदर लैंडस्लाइड हुआ तो हम घबरा गए और वहां से भाग निकले, लेकिन कुछ साथी हमारे अंदर ही फंस गए हैं. वहीं जिस प्रकार की स्थिति देखी जा रही है उससे लगता है कि अंदर फंसे के रेस्क्यू में अभी दो-तीन दिन का समय भी लग सकता है, लेकिन जिला प्रशासन के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है कि मजदूरों को सकुशल कैसे बाहर निकल जाए. यह भी जिलाधिकारी द्वारा बताया गया की बाहरी कंपनी से भी कुछ बड़ी मशीन रेस्क्यू कार्य के लिए मंगाई जा रही है.
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