Sanatan Dram: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने गुरुवार को आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी. जिसमें सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाजी, देवी देवताओं का अपमान और ग्रंथों में वर्णित बातों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने को लेकर तीन प्रस्ताव पारित हुए.
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करन खुराना/हरिद्वार: सनातन धर्म को लेकर कई राजनेताओं द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी की जा रही है, जिससे संत समाज काफी अक्रोशित नजर आ रहा है. गुरुवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाजी, देवी देवताओं का अपमान और ग्रंथों में वर्णित बातों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने को लेकर आपातकालीन बैठक बुलाई गई थी. बैठक में सात अखाड़ों के संत मौजूद रहे. इस आपातकालीन बैठक में संतों ने सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव पारित किए.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की आपातकालीन बैठक का आयोजन कनखल स्थित श्री पंचायती निर्मल अखाड़े में किया गया. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि कर्नाटक और केरल के मंत्री सनातन धर्म का विरोध कर रहे हैं. इस बैठक में उन मंत्रियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया है.
स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रतिबंध की मांग
स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों ने भगवान हनुमान का अपमानित चित्रण किया है, जिसे लेकर बैठक में संप्रदाय के प्रतिबंध की मांग की गई है.अखाड़ा परिषद और अखिल भारतीय संत समिति ने संप्रदाय का पूर्व में बहिष्कार किया है. बैठक में संप्रदाय के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया है. साथ ही संप्रदाय से भविष्य में ऐसा न करने का आग्रह भी किया गया है. अगर फिर भी भगवान हनुमान का अपमान बंद नहीं होता तो संप्रदाय के खिलाफ सरकार के माध्यम से कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. संतों ने सर्वसम्मति से बैठक में हिंदू धर्म के ग्रंथ में वर्णित बातों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने पर भी निंदा प्रस्ताव पारित किया है.
आंदोलन की दे चेतावनी
श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी हरीचेतनानंद महाराज ने कहा कि आज सनातन धर्म को अपमानित करने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही देवी देवताओं का भी अपमान किया जा रहा है. सनातन धर्म के लिए एक बहुत बड़ा षड्यंत्र रचा रहा है, मगर सनातन धर्म अनादि है. उन्होंने एमके स्टालिन के बेटे के बयान पर चेतावनी देते हुए कहा कि सनातन धर्म का अपमान करने वालों के लिए सख्त कानून बनना चाहिए. जिससे वह व्यक्ति तत्काल दंडित हो. अन्यथा 100 करोड़ सनातनी इसको बर्दाश्त नहीं करेंगे. अभी भी वक्त है ये लोग सचेत हो जाएं नहीं तो पूरे भारत में एक आंदोलन चलेगा.
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