Kanpur Metro News: कानपुर में पहले से संचालित रूट पर विस्तार हो रहा है. दूसरे एलिवेटेड कॉरिडोर पर तेजी से निर्माण कार्य हो रहा है. आने वाले दिनों में शहरवासी आईआईटी से मोतीझील के आगे भी मेट्रो का सफर कर पाएंगे. इसके लिए ट्रायल रन पूरा कर लिया गया है.
ऑरेंज लाइन पर आईआईटी से मोतीझील तक मेट्रो 5 अंडर ग्राउंड स्टेशन को कनेक्ट करते हुए सेंट्रल स्टेशन तक चलाई जाएगी. इस अंडर ग्राउंड टनल में टेस्ट रन शुरू हो गए हैं. ड्राइवर लेस यानी बिना ड्राइवर मेट्रो चलाकर ट्रायल पूरा किया गया, जो सफल रहा.
इसके टनल में एक ट्रैक पर दो मेट्रो ट्रेनों को आमने-सामने दौड़ाया गया. एटीओ मोड पर चलाई गईं दोनों ट्रेनें आमने-सामने आते ही रुक गईं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनओसी मिलने के बाद मोतीझील से सेंट्रल तक यात्री सेवा की शुरुआत होगी.
फिलहाल, अंडरग्राउंड रूट पर सिग्नलिंग ट्रैक्शन, ट्रैक, रोलिंग स्टॉफ, पावर सप्लाई की भी टेस्टिंग प्रक्रिया जारी है. जिसके तहत मेट्रो के संचालन के सभी मानकों को बारीकी से देखा जा रहा है और जो भी खामियां मिल रही हैं, उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है.
नई टेक्नोलॉजी से लैस कानपुर मेट्रो ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन मोड में कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम सिग्नलिंग प्रणाली से चलती है. इस मोड से संचालन से जुड़ी ज्यादातर क्रियाएं ऑटोमेटिक होने की वजह से किसी तरह के ह्यूमन इरर (मानवीय भूल) से दुर्घटना की संभावना न के बराबर है.
फिलहाल, सभी तरह के टेस्ट से जुड़े रिजल्ट का विश्लेषण इंटर्नल सेफ्टी ऑडिट किया है, जिसमें विदेशी एजेंसियों की राय ली गई है. कॉलिजन टेस्ट में दोनों ट्रेनों को एक साथ एक टनल के अंदर चलाया गया, जिसमें एक दूसरे की टक्कर होने जैसी स्थिति बनाई गई.
इस टेस्ट रन के दौरान एक निश्चित दूरी तक पहुंचने पर ट्रेन ऑपरेटर के हस्तक्षेप के बिना ही ट्रेनों में ऑटोमेटिक ब्रेक लग गई और दोनों ट्रेनें एक निश्चित दूरी पर रुक गईं. आपात परिस्थितियों में भी ट्रेनों का सुरक्षित संचालन प्रबंधन किया जाता.
इसी तरह रोलिंग स्टॉक के अंतर्गत ब्रेक सिस्टम, बोगी सिस्टम, कपलर सिस्टम, व्हील और एक्सेल की टेस्टिंग की गई. आईआईटी से मोतीझील मेट्रो को अब 14 स्टेशनों तक बढ़ाया जाएगा, जिसमें 15 किलोमीटर का विस्तार होगा. इस कॉरिडोर पर एलिवेटेड और अंडरग्राउंड दोनों हिस्से शामिल हैं.
जनवरी में इन विस्तारित ट्रैक का उद्घाटन होने वाला था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. फिलहाल, ऑरेंज लाइन पर मेट्रो आईआईटी, कल्याणपुर, एसपीएम अस्पताल, विश्वविद्यालय, गुरुदेव चौराहा, गीतानगर, रावतपुर, एलएलआर अस्पताल (हैलट) और मोतीझील स्टेशन के बीच संचालित है.
अब चुन्नीगंज, नवीन बाजार, बड़ा चौराहा, नयागंज, कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन, झकरकटी बस टर्मिनल, ट्रांसपोर्ट नगर, बारादेवी, किदवई नगर, वसंत विहार, बौद्ध नगर और नौबस्ता के बीच मेट्रो को चलाया जाएगा. विस्तारित रूट पर मोतीझील से चुन्नींगज होते हुए कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो को चलाया जाएगा. जिससे मुख्य रेलवे स्टेशन तक पहुंच आसान होगी.
वर्तमान में करीब 24 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर-1 में आईआईटी कानपुर से नौबस्ता के अंतर्गत मेट्रो की सेवाएं आईआईटी से मोतीझील के पहले 9 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी कॉरिडोर पर चल रही है. फिलहाल, आईआईटी से मोतीझील तक आने में करीब 15 मिनट का समय लगता है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आईआईटी से सेंट्रल तक आने में अब करीब को 25 से 30 मिनट तक समय लगेगा.
2025 में कानपुर ब्लू लाइन मेट्रो कॉरिडोर में भी मेट्रो दौड़ने लगेगी, लेकिन काम बाकी होने की वजह से अभी कुछ भी कहना मुश्किल है. मेट्रो का यह कॉरिडोर 8.9 किमी लंबा है, जो चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा-8 तक बन रहा है. इस रूट पर कुल 8 स्टेशन बनाए जा रहे हैं.
इन 8 स्टेशनों में से रावतपुर में ऑरेंज लाइन के बीच ब्लू लाइन के साथ इंटरचेंज होगा. इस कॉरिडोर पर कृषि विश्व विद्यालय, रावतपुर (ऑरेंज लाइन के लिए इंटरचेंज स्टेशन), काकादेव, डबल पुलिया, विजय नगर, शास्त्री चौक, बर्रा-7 और बर्रा-8 तक मेट्रो रूट का भूमिगत और एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन शामिल हैं. इन सभी रूटों पर मेट्रो के संचालन से सफर आसान होगा और जाम से छुटकारा मिलेगा.