Mahakumbh 2025: जानकारी के मुताबिक इस बार प्रयागराज में जो महाकुंभ लगा है वह पूरे 144 साल बाद लगा है. ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. देखा जाए तो इससे पहले ऐसा ही पवित्र महाकुंभ साल 1881 में लगा था.
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Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इन दिनों महाकुंभ मेला लगा हुआ है. इस मेले में हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं. इस दौरान गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगा रहे हैं. धार्मिक मान्यता है कि अगर कोई भी व्यक्ति महाकुंभ के दौरान इस पवित्र संगम में डुवकी लगाता है तो अनजानें में हुए सारे पाप धुल जाते हैं.
144 साल बाद लगा है यह कुंभ
जानकारी के मुताबिक इस बार प्रयागराज में जो महाकुंभ लगा है वह पूरे 144 साल बाद लगा है. ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. देखा जाए तो इससे पहले ऐसा ही पवित्र महाकुंभ साल 1881 में लगा था. वहीं अगर अलगे महाकुंभ की बात की जाए तो यह ऐसा ही कुंभ साल 2169 में ही देखने को मिलेगा. यानी की 2025 के इस महाकुंभ के 144 साल बाद जो महाकुंभ प्रयागराज में लगेगा वह साल 2169 में लगेगा.
कितने तरह के होते हैं कुंभ
ऐसे में इस पीढ़ी के लिए इस बार का महाकुंभ बहुत ही खास माना जा रहा है. इस साल प्रयागराज में जिस महाकुंभ का आयोजन हो रहा है वह 12 पूर्णकुंभ के बाद आया है. तो चलिए जानते हैं कुंभ के बारे में. तो सबसे पहला होता है कुंभ जिसके बाद आता है अर्धकुंभ वहीं उसके बाद आता है पूर्ण कुंभ और अंत में आता है महाकुंभ.
कितने साल पर लगता है कुंभ
जहां कुंभ हर तीसरे साल पर आयोजित होता है तो वहीं अर्धकुंभ 6 वर्ष के अंतराल के बाद. वहीं अगर पूर्ण कुंभ की बात करें तो यह 12 साल में एक बार लगता है और जब 12 वां पूर्ण कुंभ लगता है उसे महाकुंभ कहते हैं. चूकि 12 पूर्ण कुंभ की गणणा करें तो उस हिसाब से यह 144 साल बाद आता है. ऐसे में इसका महत्व बहुत ही ज्यादा हो जाता है. धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है.