Sambhal संभल के वो सूरमा, जिन्होंने उन्मादी भीड़ के सामने सड़क पर उतरकर पूरा शहर जलने से बचाया
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Sambhal संभल के वो सूरमा, जिन्होंने उन्मादी भीड़ के सामने सड़क पर उतरकर पूरा शहर जलने से बचाया

Sambhal Masjid Survey Dispute: संभल में समय रहते अगर हालात को न संभाला गया होता तो हिंसा और भड़क सकती थी. डीएम राजेंद्र पेंसिया से लेकर मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार मुस्तैदी से मोर्चा संभाले दिखाई दिए. 

Sambhal Masjid Survey Dispute

Sambhal Masjid Survey Dispute: उत्तर प्रदेश में संभल मुद्दा सुर्खियों में है, बीते रविवार को यहां जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान ऐसी हिंसा भड़की कि चार लोगों की जान चली गई जबकि कई घायल हुए हैं. सर्वे करने मस्जिद पहुंची पुलिस टीम पर अचानक भीड़ ने पथराव कर दिया. हालांकि अब हालात काबू में हैं. बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं. संभल में इंटरनेट सेवा बंद करने के साथ ही एक दिसंबर तक बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. संभल में समय रहते अगर हालात को न संभाला गया होता तो हिंसा और भड़क सकती थी. डीएम राजेंद्र पेंसिया से लेकर मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार मुस्तैदी से मोर्चा संभाले दिखाई दिए. कमिश्नर आन्जनेय कुमार सिंह और डीआइजी मुनिराज संभल में ही कैंप किए हुए हैं.

डीएम राजेंद्र पेंसिया
सर्वे के लिए रविवार सुबह करीब साढ़े सात बजे सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची थी. कुछ देर चीजें ठीक रहीं लेकिन अचानक भीड़ मौके पर पहुंच गई और पुलिस के साथ बहस करने लगी. भीड़ आक्रोशित भीड़ को समझाने की कोशिश की गई लेकिन भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी और देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई. डीएम राजेंद्र पेंसिया इसके बाद मोर्चा संभाला. पेंसिया 2015 बैच के आईएएस हैं. वह राजस्थान के श्रीगंगानगर के रहने वाले हैं. वह इससे पहले 2016 में मिर्जापुर के मजिस्ट्रेट रहने के साथ आगरा, लखनऊ, मथुरा जैसी जगहों पर सेवाएं दे चुके हैं.

एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई
संभल बवाल में डीएम के साथ एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी मोर्चा संभालते दिखाई दिए. वह 2018 के आईपीएस अधिकारी हैं. उनकी गिनती यूपी के कड़क अधिकारियों में होती है. अपनी पहली पोस्टिंग में उन्होंने मेरठ में खूंखार अपराधी बदन सिंह के काले साम्राज्य को बुलडोजर से ध्वस्त कराया था. इसके अलावा गोरखपुर और मुजफ्फरनगर में पोस्टिंग के दौरान अपराधियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी.

मंडलायुक्त आंजनेय सिंह
मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह भी जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा मामले को लेकर नजर बनाए हुए हैं. आजनेय सिंह 2005  कैडर के आईएएस हैं. वह अभी मुरादाबाद के मंडलायुक्त हैं. आंजनेय सिंह की गिनती सख्त और कुशल प्रशासनिक अधिकारियों में की जाती है. रामपुर में जिलाधिकारी रहते उन्होंने सपा नेता आजम खान के खिलाफ सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया था.

घटना पर किया बड़ा खुलासा
कमिश्नर मुरादाबाद ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे साफ हुआ पुलिस की गोली से किसी की मौत नहीं हुई है, अभी तक किसी भी साक्ष्य मे कहीं पर भी जो वीडियो ग्राफी हुई है उसमे पुलिस की गोली से मृत्यु नहीं हुई है. जो लोग पुलिस की गोली का बता रहे है उसमे पुलिस के द्वारा आंसू गैस के गोले और प्लास्टिक की बुलेट को भागने के लिए छोड़े गए. जो पिस्टल थी वो भी प्लास्टिक बुलेट की पिस्टल थी. गलत तरीके से भड़काकर लोगों को इकट्ठा किया गया. हिंसा करने वालो में ज्यादातर नई उम्र के बच्चे थे. मुंह पर रुमाल बांधकर आये थे और नारेबाजी कर मस्जिद पर पथराव किया."

 

डीआईजी मुनिराज
डीआईजी मुनिराज भी घटना को लेकर एक्टिव हैं, उन्होंने कहा है कि उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तार किया जाएगा और कोर्ट में पेश किया जाएगा. संभल में हिंसा प्रभावित इलाके में 30 थानों की पुलिस तैनात की गई है. मुनिराज 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं इससे पहले वह अयोध्या के एसएसपी रह चुके हैं. हाल ही में  ट्रांसफर के बाद उनको मुरादाबाद क्षेत्र का डीआईजी बनाया गया था. संभल हिंसा में सीओ अनुज चौधरी को पैर में गोली लगी है, जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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