SDRF की टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया और गंभीर घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए एयर एंबुलेंस भेजी गई. प्रशासन ने घटनास्थल के आसपास के सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा है. बस की स्थिति बहुत खराब हो गई, जिससे रेस्क्यू कार्य में परेशानी हुई. यह हादसा उत्तराखंड के लिए बड़ा झटका है.
अल्मोड़ा के मार्चुला इलाके के पास बस खाई में गिरी. घटना सुबह 8:00 बजे हुई. अल्मोड़ा के मार्चुला में हुआ हादसा.
अल्मोड़ा में हादसे वाली बस में 42 से 50 यात्री सवार थे. यह बस 42 सीटों वाली थी, लेकिन इसमें अधिक यात्री सवार थे. क्षमता से अधिक यात्रियों के होने से बस अनियंत्रित हुई और इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए. अधिक यात्रियों के होने से बस का संतुलन बिगड़ गया.
अल्मोड़ा में हादसे वाली बस पौड़ी के नैनीडांडा से रामनगर जा रही थी. यह बस उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में संचालित होती थी. बस मार्चुला के पास अनियंत्रित होकर 100 फीट गहरी खाई में गिर गई. इस रूट पर यात्रियों की भीड़ अधिक रहती है. बस क्षमता से अधिक यात्रियों को लेकर चल रही थी.
इस रूट पर यात्रियों की भीड़ अधिक रहती है. बस क्षमता से अधिक यात्रियों को लेकर चल रही थी. बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी.
अब तक 36 लोगों की मौत हुई है और मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है. जिला प्रशासन ने तेजी से राहत और बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. आवश्यकता पड़ने पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं.
अक्टूबर के अंत में रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा हुआ, जिसमें बदरीनाथ हाईवे पर यात्रियों से भरा टेम्पो ट्रैवलर अलकनंदा नदी में गिर गया. इस दर्दनाक दुर्घटना में 10 यात्रियों की जान चली गई. चारधाम यात्रा के दौरान यातायात का बढ़ता दबाव और मौसम की खराबी कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनती है, जिससे यात्रियों की जान जोखिम में पड़ जाती है.
अक्टूबर में टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग में आर्मी का ट्रक पलटने से दुर्घटना हुई. इसके पहले सितंबर में भी टिहरी में एक तेज रफ्तार मैक्स वाहन खाई में गिर गया था, जिससे तीन लोगों की जान चली गई. यह क्षेत्र सड़क सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील है, जहां रफ्तार और सड़क की स्थिति के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं.
अक्टूबर में अल्मोड़ा में दिल्ली से जागेश्वर जा रही एक टेम्पो ट्रैवलर दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 17 लोग घायल हो गए. इसी महीने चमोली में भी एक कार दुर्घटना में चालक की मौत हो गई. ये घटनाएं सड़क की स्थिति और गाड़ी की तेज रफ्तार के कारण हुईं, जिससे यात्रियों को गंभीर चोटें आईं और जान-माल का नुकसान हुआ.