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कौन हैं नीरज शेखर, पूर्व पीएम के परिवार की बलिया में 50 साल से है बादशाहत

बीजेपी ने यूपी के सात प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की. मैनपुरी से डिंपल यादव के ख़िलाफ़ योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह मैदान में होंगे. 

 

बीजेपी उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी

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बीजेपी उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी

लोकसभा चुनाव के लिए BJP ने उम्मीदवारों की 10वीं लिस्ट जारी कर दी है. जिसमें उत्तर प्रदेश की गाजीपुर, बलिया,  फूलपुर, मछलीशहर,इलाहाबाद, कौशाम्बी (अजा) और मैनपुरी लोकसभा सीट शामिल है. 

 

मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट कटा

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मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट कटा

बीजेपी ने बलिया लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखऱ के बेटे नीरज शेखर को टिकट दिया है.

 

बलिया लोकसभा सीट

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बलिया लोकसभा सीट

बलिया लोकसभा सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की फैमिली का दबदबा रहा है. पूर्व पीएम इस सीट से 8 बार सांसद रहे थे, जबकि उनके बेटे नीरज शेखर दो बार सांसद चुने गए थे.

 

कौन हैं नीरज शेखर?

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कौन हैं नीरज शेखर?

10 नवम्बर 1968 में जन्मे नीरज शेखर की असली राजनीतिक शुरुआत 2007 में अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की मौत के बाद शुरू हुई.

 

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे हैं नीरज शेखर

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 पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे हैं नीरज शेखर

नीरज शेखर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे हैं. नीरज शेखर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन किया है. इनकी पत्नी का नाम डाक्टर सुषमा शेखर है. 

 

सपा से शुरू की सियासी पारी

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सपा से शुरू की सियासी पारी

इन्होंने अपनी राजनीतिक पारी समाजवादी पार्टी से की थी. 2014 के चुनाव में भी नीरज शेखर सपा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए थे. 

 

पहली बार सांसद बने

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पहली बार सांसद बने

2007 में पूर्व पीएम चंद्रशेखर के निधन के बाद हुए खाली हुई बलिया पर हुए उप चुनाव में नीरज शेखर समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े और जीत कर पहली बार सांसद बने थे. 

 

सपा के रहे हैं साथी

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सपा के रहे हैं साथी

2009 लोकसभा आम चुनाव में नीरज शेखर एक फिर सपा से चुनाव लड़े और चुनाव जीते और दूसरी बार सांसद बने. 2014 में हार के बाद सपा ने उन्हें राज्यसभा से सांसद बनाया. 

 

बलिया से टिकट

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बलिया से टिकट

2019 में इन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. इस बार बीजेपी ने उन पर दांव लगाया है और  बलिया से टिकट दिया है.

 

इसलिए मिला टिकट

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इसलिए मिला टिकट

बीजेपी ने जातीय समीकरणों और पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के पुत्र के रूप में उनकी हाई प्रोफाइल को देखते हुए टिकट दिया है.