इन जिलों के जमीन मालिक होंगे मालामाल, 4400 करोड़ मंजूर, गंगा एक्सप्रेस-वे से लिंक होगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
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इन जिलों के जमीन मालिक होंगे मालामाल, 4400 करोड़ मंजूर, गंगा एक्सप्रेस-वे से लिंक होगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

Prayagraj News: राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के साथ-साथ इस परियोजना में ही गंगा एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से लिंक करने की भी योजना है. इसका कार्य तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. 

इन जिलों के जमीन मालिक होंगे मालामाल, 4400 करोड़ मंजूर, गंगा एक्सप्रेस-वे से लिंक होगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

Prayagraj News: प्रयागराज से गोरखपुर तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 319-डी फोरलेन करने की तैयारी पूरी कर ली गई है. इसके लिए जमीन का अधिकरण करना भी शरू कर दिया है. राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के साथ-साथ इस परियोजना में ही गंगा एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से लिंक करने की भी योजना है. इस परियोजना के सफल पूर्ण होने पूर्वांचल के कई जिलों में आवागमन सुगम हो जाएगा.  गंगा एक्सप्रेस-वे को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से लिंक करने के बाद प्रयागराज से जौनपुर आजमगढ़ देवरिया समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों का आवागमन सुगम हो जाएगा.

4400 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत
बता दें कि इस परियोजना का फलीभूत करने के लिए सरकार द्वारा 4400 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है. इसका काम चार चरणों में किया जाएगा. पहले फेज के तहत इस राजमार्ग पर सहसों के पास भोपतपुर से फूलपुर तक लगभग 17 किमी तक जमीन अधिग्रहण व निर्माण कार्य के लिए 863 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस परियोजना के बाद बुंदेलखंड और मध्यप्रदेश के लोगों को भी पूर्वांचल आने जाने में सहूलियत होगी. 

दूसरे और तीसरे चरण में होगा ये- 
इस प्रोजेक्ट के दूसरे चरण की बात करें तो दूसरे फेज के अंतर्गत फूलपुर से जौनपुर के बादशाहपुर तक 1013 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं. वहीं तीसरे फेज में जौनपुर बाईपास, मुंगरा बादशाहपुर-जौनपुर-आजमगढ़-दोहरीघाट अपग्रेडेशन प्रोजेक्ट है. आजमगढ़ बाईपास और इसके आगे अपग्रे़डेशन प्रोजेक्ट पर 1434 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है.

भूअध्याप्ति अधिकारी ने बताया
विशेष भूअध्याप्ति अधिकारी रमेश मौर्य ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसके लिए हर जिलें में प्रमुख रूप से नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है. जल्द ही भूमि एनएचएआइ को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद निर्माण कार्य आरंभ कराया जाएगा.

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