शादी से पहले छावनी बना दुल्हन का गांव, बारात से पहले पहुंचे सीओ-इंस्पेक्टर समेत 60 पुलिसकर्मी, जानें पूरा मामला
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शादी से पहले छावनी बना दुल्हन का गांव, बारात से पहले पहुंचे सीओ-इंस्पेक्टर समेत 60 पुलिसकर्मी, जानें पूरा मामला

Sambhal News: संभल में एक दलित बेटी की शादी से पहले पूरा गांव पुलिस छावनी बन गया. सीओ, इंस्पेक्टर समेत 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी गांव के चप्पे-चप्पे पर तैनात थे. मामला जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर....

शादी से पहले छावनी बना दुल्हन का गांव, बारात से पहले पहुंचे सीओ-इंस्पेक्टर समेत 60 पुलिसकर्मी, जानें पूरा मामला

सुनील सिंह/संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले (Sambhal News)के एक गांव में एक दलित बेटी की बारात पुलिस सुरक्षा में चढ़ाई गई. दरअसल, यहां एक गांव में दलितों की बारात चढ़ाए जाने पर पाबंदी है. इस बात की शिकायत दलित पिता ने पुलिस सुरक्षा के लिए एसपी से गुहार लगाई थी. जिसपर एसपी चक्रेश मिश्र के निर्देश पर सीओ समेत एक इंस्पेक्टर, 14 दरोगा और 44 सिपाही गांव में चप्पे-चप्पे पर तैनात किए गए थे. 

क्या है पूरा मामला?
मामला जिले की गुन्नौर तहसील में जुनावई थाना क्षेत्र के लोहा मई गांव का है. जानकारी के अनुसार, लोहा मई गांव में रहने वाले दलित राजू की बेटी की बीते शुक्रवार को शादी थी. इस संबंध में उसने एसपी चक्रेश मिश्र को एक पत्र लिखा था. पत्र में उसने पुलिस सुरक्षा में अपनी बेटी की बारात चढ़ाए जाने की गुहार लगाई थी. दलित राजू ने एसपी चक्रेश मिश्र को जानकारी देकर बताया था कि गांव में वर्षों से दलितों की बारात चढ़ाए जाने पर पाबंदी है. गांव में अगर कोई दलित बारात चढ़ाने का प्रयास करता है तो उसके साथ मारपीट की जाती है. उनकी फसलों को सिंचाई के लिए पानी तक देना बंद कर दिया जाता है. एसपी ने शख्स की शिकायत को गंभीरता से लिया. उन्होंने फौरन गुन्नौर क्षेत्र के सीओ आलोक कुमार सिद्धू को पुलिस सुरक्षा में दलित बेटी की बारात चढ़ाने के लिए निर्देश दिए. 

चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस 
एसपी के निर्देश पर बीते शुक्रवार को गांव में राजू की बेटी की बारात पहुंचने से पहले सीओ आलोक कुमार सिद्धू पुलिस फोर्स के साथ गांव पहुंचे. उन्होंने परिवार से जानकारी ली. इसके बाद दलित परिवार और बारात की सुरक्षा के लिए गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए. इस दौरान सीओ आलोक सिद्धू, थाना प्रभारी पुष्कर मेहरा समेत 14 दारोगा और 44 पुलिसकर्मियों ने बारात की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली. इसके अलावा वाल्मिकी समाज के कई बड़े नेता भी लोहा मई गांव पहुंचे थे. शांति से पूरी शादी निपटने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली. 

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