बस्ती के भगवती को मिला आरिफ जैसा दोस्त, सारस से दोस्ती का वीडियो हुआ वायरल
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बस्ती के भगवती को मिला आरिफ जैसा दोस्त, सारस से दोस्ती का वीडियो हुआ वायरल

Basti News : बस्ती जिले के कुदरहा ब्लॉक के रोहारी गांव में सारस और इंसानों के बीच दोस्ती का यह नजारा देख हर किसी के ठहर जाते हैं कदम. हर कोई सारस के साथ सेल्फी लेना चाहता है. पिछले कई महीनों से यह सिलसिला चल रहा है. सोशल मीडिया पर इनकी दोस्‍ती के वीडियो हो रहे हैं. 

Bhagwati Lohar friendship with stork like Mohammad Arif

राघवेंद्र सिंह/बस्‍ती : आरिफ और सारस की दोस्ती की कहानी तो आप ने देखी सुनी होगी, लेकिन इन दिनों बस्ती में भी एक सारस को गांव की आबोहवा भा गई है. सारस ने गांव के चाचा भगवती लोहार से दोस्ती कर ली है. चाचा जब उसको बुलाते हैं तो तुरंत आ जाता है और दिनभर गांव में इंसानों के बीच रहता है. इतना ही नहीं सारस लोगों से प्यार जताता है, खाता पीता है और सूरज ढलने के बाद अपने ठिकाने पर लौट जाता है. 

बस्‍ती में भी सारस से दोस्‍ती दिखी 
बस्ती जिले के कुदरहा ब्लॉक के रोहारी गांव में सारस और इंसानों के बीच दोस्ती का यह नजारा जो भी देखता है उस के कदम ठहर जाते हैं. हर कोई सारस के साथ सेल्फी जरूर लेता है. पिछले कई महीनों से यह सिलसिला चल रहा है. सारस सुबह सवेरे गांव में आ जाता है और लोगों के दरवाजे पर जाता है. लोग सारस को खाना खिलाते हैं तो कई लोग पानी भी पिलाते हैं. सारस और इंसान की यह दोस्ती देख कर सभी लोग अचंभित हो जाते हैं. 

गांव के सदस्‍य की तरह टललता रहता है 
ऐसा लगता है कि वह पक्षी नहीं बल्कि गांव का सदस्य है, बिना डर के सारस पूरे गांव में दिनभर घूमता है. जब उस को भूख लगती है तो परिवार के सदस्य की तरह घर पर पहुंच जाता है लोग भी बड़े प्यार से सारस को दाना खिलाते हैं और पानी पिलाते हैं. दिनभर गांव में घूमता है जब गांव के लोग खेत में काम करने के लिए जाते हैं तो वहां भी पहुंच जाता है. 

दिलचस्‍प है दोस्‍ती की कहानी 
सारस के पैदा होने की कहानी काफी दिलचस्प है. दरअसल रोहारी गांव से थोड़ी दूरी पर ईंट-भट्ठा पर काम करने वाले मजदूरों को खेत में एक साल पहले दो बड़े अंडे मिले थे. अन लोगों ने उसे बत्तख का अंडा समझ लिया जब अंडे को बत्तख के बीच रख दिया, तब बच्चा अंडे से निकला तो वह सारस का बच्चा था. मजदूरों ने उसे पालना शुरू किया जिनमे से एक बच्चे की मौत हो गई लेकिन दूसरा धीरे धीरे बड़ा होने लगा. 

ईंट-भट्ठे को बनाया अपना घर 
जब वह उड़ने लगा तो मजदूरों ने उसे आजाद छोड़ दिया, लेकिन सारस की इंसानों से इतनी मोहब्बत हो गई है कि वह दिनभर पास के गांव में चला जाता है, खाता पीता है और फिर अपने घर यानी भट्ठे पर चला आता है. डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं. 

डीएफओ बोले- सारस राजकीय पक्षी, कोई पाल नहीं सकता 
वहीं, इस मामले में डीएफओ नवीन शाक्य का कहना है कि सूचना मिली है कि कुछ पक्षी गांव में जा कर लोगों से जुड़ रहे हैं, लोगों के बीच रहकर खा पी रहे हैं. इस की जांच कराई जा रही है. सारस राजकीय पक्षी है इसको कोई पाल नहीं सकता है, अगर इनको कोई पकड़ कर पालेगा तो उस के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

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