SDM Jyoti Maurya and Commandant Manish Dubey: एसडीएम ज्योति मौर्य और उनके कथित प्रेमी होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के बारे में जानने के लिए लोग इंटरनेट पर सर्च कर रहे हैं. ऐसे में आइये जानते हैं कि दोनों अधिकारियों में कौन बड़ी पोस्ट पर तैनात है?
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SDM Jyoti Maurya and Commandant Manish Dubey: एसडीएम ज्योति मौर्य के कथित प्रेमी होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं. सर्च इंजन से लेकर सोशल मीडिया तक लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं. यूजर्स इंटरनेट पर उनकी पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल लाइफ तक के बारे में सर्च कर रहे हैं. कई लोग उनकी पढ़ाई और सिविल सर्विसेज एग्जाम में रैंक और पोस्ट के बारे में चर्चा कर रहे हैं. ऐसे में आज हम इस आर्टिकल में आपको उनकी UPPSC परीक्षा में आई रैंक के बारे में बताएंगे.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी रह चुके मनीष दुबे
मनीष दुबे सुल्तानपुर जिले के प्रतापपुर ब्लॉक के रहने वाले हैं. मौजूदा समय में होमगार्ड के कमांडेंट के पद पर गाजियाबाद में मनीष दुबे कार्यरत हैं. उनके पिता का नाम मनोज कुमार दुबे है. माता व अन्य परिवारजनों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. पहले मनीष दुबे सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. 33 साल के मनीष दुबे मैरिड बताए जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अलीगंज के निकट आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह किया था.
2015 में पास की थी UPPSC परीक्षा
जानकारी के मुताबिक, मनीष दुबे ने 2015 की UPPSC परीक्षा पास की थी. परीक्षा में उनकी 42वीं रैंक आई थी. इसके बाद 27 जून 2016 को उन्हें जिला कमांडेंट के रूप में नियुक्ति मिली. वह 2 साल के लिए प्रोबेशन पीरियड में भेजे गए. इसी दौरान उन्हें 23 अगस्त 2017 को अमरोहा जिले में भेज दिया गया. इसके बाद 30 जून 2022 को उनकी पोस्टिंग सोनभद्र जिले में हो गई, लेकिन यहां उनका ट्रांसफर रद्द कर दिया गया. इसके बाद 28 जुलाई 2022 को गाजियाबाज में होमगार्ड कमांडेंट बनाकर भेजा गया. वहीं, अब ज्योति मौर्या को लेकर विवाद में आने के बाद उनका गाजियाबाद से महोबा तबादला कर दिया गया है.
ज्योति मौर्य और मनीष दुबे में किसका पद बड़ा?
एसडीएम ज्योति मौर्य (SDM Jyoti Maurya) का पद बड़ा है. दरअसल, UPPCS में 1 से 20 रैंक पर एसडीएम का पद मिलता है. जबकि होमगार्ड जिला कमांडेंट या डीएसपी का पद 20 से लेकर 70 रैंक के बीच मिलता है. इसके लिए उम्मीदवार को शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) पास करना अनिवार्य होता है. इसमें उम्मीदवार के सीने की लंबाई और चौड़ाई को मानक माना जाता है, जो कैंडिडेट इन सभी मापदंडों पर खरा उतरते हैं वही DSP या जिला कमांडेंट होमगार्ड के पद पर चुने जाते हैं.
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