Dehradun News: उत्तराखंड में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी रोगियों को डायलिसिस सेंटर्स के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे आने वाले मरीजों तथा गोल्डन कार्ड धारकों के लिए फ्री सेवा संचालित की है.
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Dehradun News: उत्तराखंड के देहरादून शहर में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बीपीएल निर्धन मरीजों और गोल्डन कार्ड धारकों के लिए देशभर में 13 जिलों में स्थापित 19 डायलिसिस सेंटर्स के माध्यम फ्री सेवा संचालित की है. हेमोडायलिसिस सेवाओं की जानकारी जरूरतमंदों लोगों तक आसान तरीके से पहुंचाने की जिम्मेदारी चिकित्सा विभाग को दी है. राधा रतूड़ी ने इस मामले में राज्य के सभी जिलों में सौ फीसदी इलाको को समय से पूरा करने की हिदायत दी है.
13 जिलों में स्थापित 19 डायलिसिस सेन्टर्स
राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए आंवटित सरकारी संसाधनों में तेजी लाने तथा उनका कुशलतापूर्वक उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने कहा कि राज्य के 13 जिलों में स्थापित 19 डायलिसिस सेन्टर्स में 153 डायलिसिस मशीनों की सहायता गरीबी रेखा से नीचे के मरीजों तथा गोल्डन कार्ड धारकों को फ्री डायलिसिस सेवाएं प्रदान की जा रही हैं तथा गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के मरीजों को कम शुल्क पर यह सेवाएं दी जा रही हैं इसमें पीपीपी में सीएसआर के तहत 82 डायलिसिस मशीने तथा हंस फाउण्डेशन के द्वारा सीएसआर के तहत 49 मशीने संचालित की जा रही हैं. पीपीपी मोड के तहत आने वाले अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड भी शामिल हैं तथा उसके माध्यम से उनका भुगतान किया जाता है जिन बीपीएल तथा एचआईवी मरीजों का आयुष्मान कार्ड नही है उनका भुगतान डीजीएमएच तथा एफडब्ल्यू के द्वारा किया जाता है. साल 2024-25 में दिसम्बर तक लाभार्थियों को 117490 डायलिसिस सेशन दिए जा चुके हैं.
पीएमएनडीपी पोर्टल के दिए निर्देश
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित विभाग को पीएमएनडीपी पोर्टल का व्यापक उपयोग करने के निर्देश दिए है. यह पोर्टल पीएमएनडीपी के तहत निःशुल्क डायलिसिस सेवाओं का लाभ उठाने वाले सभी मरीजों का विवरण प्राप्त करने के लिए एपीआई आधारित आईटी प्लेटफार्म है. सीएस ने डुप्लीकेसी रोकने और अंतर संचालन सुनिश्चित करने के लिए 14 अंकों के ABHA आईडी का उपयोग करके रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत डायलिसिस सेवाओं को मरीजों के बीच बेहतर कार्य के साथ स्थापित करना है तथा किडनी से संबंधित रोगों से ग्रस्त रोगियों को अच्छा और कम लागत में डायलिसिस की सेवाएं प्रदान करनी है. हेमोडायलिसिस की प्रक्रिया एक बार शुरू होने में अत्यधिक लागत आती है इस प्रकार किडनी के रोगियों का साल का खर्चा बहुत ज्यादा हो जाता है. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की हेमोडायलिसिस केंद्रों से दूरी भी इस समस्या का प्रमुख कारण है इस कार्यक्रम से गरीब परिवारों के रोगियों को कम लागत में डायलिसिस की सुविधा अपने जनपदों में ही प्राप्त हो सकेगी.