Swami Vivekananda: सब कुछ खोने से अधिक बुरा... उठो, जागो और तब तक..., स्वामी विवेकानंद के 10 ओजस्वी विचार
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Swami Vivekananda: सब कुछ खोने से अधिक बुरा... उठो, जागो और तब तक..., स्वामी विवेकानंद के 10 ओजस्वी विचार

Swami Vivekananda thoughts: स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए आदर्श है. बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वामी जी बाल्यावस्था से ही अध्यात्म में गहन रुचि रखते थे. उनके कहे अनमोल विचार आज भी राह दिखाता है. (Youth Day Speech)

Swami Vivekananda

Swami Vivekananda Quotes in Hindi: स्वामी विवेकानंद युवाओं के लिए आदर्श है, (National Youth Day 2025) उनके कहे अनमोल विचार आज भी युवाओं को राह दिखाता है. बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वामी जी बचपन से ही अध्यात्म के प्रति जागरुक हो गए थे और उनकी इस ओर गहन रुचि थी. आज विवेकानंद की जयंती है (Swami Vivekananda Jayanti Speech), इस दिन पूरा भारत राष्ट्रीय युवा दिवस मनाता है. पश्चिम बंगाल में कायस्थ परिवार में जन्म विवेकानंद के पिता संस्कृत और फारसी भाषा के विद्वान थे. 25 वर्ष की आयु में विवेकानंद के पिता सन्यासी बन गए. माता जी शिव भक्त थीं. इस तरह विवेकानंद भी ईश्वर में अगाध श्रद्धा रखते थे. ईश्वर की खोज में वे मां काली के परम भक्त रामकृष्ण परमहंस जी से मिले और फिर उन्हें अपना गुरु मान लिया. 

मां काली के उपासक
अपने गुरु के शरण में आकर स्वामी जी मां काली के उपासक बन गए जिसकी कृपा से स्वामी जी वेदान्त के एक प्रभावशाली गुरु के रूप में विश्वभर में जानें गए. स्वामी जी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं. आइए उनके 10  ओजस्वी विचारों को जानें जो अनमोल थे और अनमोल रहेंगे.

स्वामी विवेकानंद के 10 ओजस्वी विचार
1.
स्वामी जी कहते हैं- उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए. 
2.
स्वामी जी कहते हैं- आप को संगति ऊंचा उठा सकती है और यही संगति आपको ऊंचाई से गिरा भी सकती है,  इसलिए अच्छे लोगों से संगति करिेए.
3.
वही युवा है जिसके हाथों में शक्ति है, पैरों में गति है, हृदय में ऊर्जा है और आंखों में स्वप्न है. 
4.
स्वामी जी कहते हैं- सब कुछ खोने से अधिक बुरा उस उम्मीद को खोना है जिसके भरोसे सब कुछ वापस पा सकते हैं हम.
5.
स्वामी जी कहते हैं- पहले हर अच्छी बात का मजाक बनाया जाता है और फिर विरोध किया जाता है, अंत में उसे स्वीकार किया जाता है.
6.
स्वामी जी कहते हैं- जैसे केवल एक ही बीज पूरे जंगल को पुनर्जीवित करने के लिए पर्याप्त होता है, वैसे ही एक ही मनुष्य विश्व में बदलाव लाने के लिए पर्याप्त होता है.   आप वो मनुष्य हो सकते हैं.
7.
स्वामी जी कहते हैं- जमीन अच्छी हो, खाद भी अच्छा हो लेकिन पानी अगर खारा हो तो फूल नहीं खिलते सकते. इसी तरह अच्छे भाव हो, कर्म भी अच्छे हों लेकिन वाणी खराब हो तो संबंध टिकते नहीं कभी.
8.
स्वामी जी कहते हैं- दूसरों की भलाई करने में अगर धन मदद करता हो तब तो इसका कुछ मूल्य है अन्यथा यह केवल बुराई का ढेर है, जितना जल्दी इससे छुटकारा पा सकें बेहतर है. 
9.
स्वामी जी कहते हैं- बहुत सारी कमियों के बावजूद हम खुद से प्रेम करते हैं, ऐस में दूसरों में एक कमी से हम घृणा  कैसे कर सकते हैं. 
10.
स्वामी जी कहते हैं- तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता और न ही कोई आध्यात्मिक बना सकता. तुम्हें सब कुछ खुद अंदर से सीखना होगा. आत्मा से अच्छा शिक्षक कोई नहीं.

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