Vikat Sankashti Chaturthi 2023: कब है विकट संकष्टी चतुर्थी, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और चंद्रोदय का समय
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand1641760

Vikat Sankashti Chaturthi 2023: कब है विकट संकष्टी चतुर्थी, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और चंद्रोदय का समय

Sankashti Chaturthi 2023 Puja Muhurat: वैशाख कृष्ण चतुर्थी​ में पड़ने वाली विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं और चांद निकलने के बाद पारण करते हैं. ऐसे में आइये जानते हैं  संकष्टी चतुर्थी की तिथि, पूजा मुहूर्त, विधि और चंद्रोदय का समय 

Vikat Sankashti Chaturthi 2023 Date

Vikat Sankashti Chaturthi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने दो चतुर्थी पड़ती हैं. एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. जबकि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विकट संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. माना जाता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने और व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही विघ्नहर्ता सभी तरह के कष्टों से छुटकारा दिलाते हैं. ऐसे में आइये जानते हैं विकट संकष्टी चतुर्थी की तिथि, पूजा मुहूर्त, विधि और चंद्रोदय का समय 

विकट संकष्टी चतुर्थी तिथि (Vikat Sankashti Chaturthi 2023 Date)
चतुर्थी तिथि की शुरुआत: 09 अप्रैल, सुबह 09:35 मिनट से 
चतुर्थी तिथि की समाप्ति: 10 अप्रैल, सुबह 08:37 मिनट पर 
संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रमा के पूजन का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसे में चंद्रोदय के समयानुसार 9 अप्रैल को ही इसका व्रत रखा जाएगा. इस दिन चंद्रमा 10: 02 मिनट पर निकलेगा. चंद्रोदय के बाद आप अर्घ्य देकर व्रत का पारण कर सकते हैं. 

विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त 2023 (Vikat Sankashti Chaturthi 2023 Shubh Muhurat)
लाभ-उन्नति मुहूर्त: सुबह 09:13 बजे से सुबह 10:48 तक 
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 10:48 मिनट से दोपहर 12:23 मिनट तक 
सिद्धि योग- सूर्योदय से लेकर रात 10:14 मिनट तक 
विशाखा नक्षत्र- दोपहर 2 बजे तक 
अनुराधा नक्षत्र- 9 अप्रैल को दोपहर 2 बजे से लेकर 10 अप्रैल को दोपहर 1:39 मिनट तक

संकष्टी चतुर्थी के दिन भद्रा का साया 
इस साल संकष्टी चतुर्थी पर भद्रा का साया है. भद्रा सुबह 06:03 बजे से सुबह 09:35 बजे तक रहेगी. जिसमें सुबह 08:02 बजे तक भद्रा का वास पाताल लोक में है. उसके बाद 09:35 बजे तक भद्रा का वास स्वर्ग लोक में रहेगा. 

विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि (Vikat Sankashti Chaturthi 2023)
कहा जाता है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत नियमानुसार ही पूरा करना चाहिए तभी इसका शुभ फल मिलता है. सूर्योदय से शुरू होने वाला यह चंद्रमा के दर्शन के बाद ही समाप्त होता है. 
गणेश संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रात: काल स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लें. 
इसके बाद गणेश जी की पूजा आराधना करें. इस दौरान गणेश मंत्रों का जाप करें. श्री गणेश चालीसा का पाठ करें और आरती करें.
शाम को चंद्रोदय के बाद पूजा करें. 
शाम को गणेश जी की पूजा करें. गणेश जी के मंत्रों का जाप करते हुए कुछ मिनट का ध्यान करें, कथा सुनें, आरती करें. 
प्रसाद में गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं.  
इसके बाद चन्द्र देव की पूजा करें. उन्हें जल अर्पण कर फुल, चन्दन, चावल चढ़ाएं. 
अगर बादल के चलते चन्द्रमा नहीं नजर आता है तो, पंचांग के हिसाब से चंद्रोदय के समय में पूजा कर सकते हैं. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा. 

Budh Vakri 2023: 21 अप्रैल को मेष राशि में वक्री होंगे बुध, इन राशियों के जातकों की खुलेगी किस्मत 

Vaishakh Month 2023: कब से शुरू होगा वैशाख का महीना? जानें तिथि और माधवमास का आध्यात्मिक महत्व

WATCH: शुक्र कर रहे हैं वृषभ राशि में गोचर, जानें सभी 12 राशियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव

Trending news