Jaunpur News: समाजवादी पार्टी को पूर्वांचल में भारतीय जनता पार्टी ने तगड़ा झटका दिया है. सपा के तीन पूर्व विधायकों ने सोमवार को पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है. जानिए इन नेताओं का सियासी करियर कैसा रहा है.
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Jaunpur News (अजीत सिंह): लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में विपक्षी दल जुटे हुए हैं. इससे पहले ही समाजवादी पार्टी को पूर्वांचल में भारतीय जनता पार्टी ने तगड़ा झटका दिया है. बीजेपी ने सपा के तीन पूर्व विधायकों को तोड़कर अपने पाले में ले लिया. जिसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है.
इन नेताओं को दिलाई सदस्यता
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने सपा के पूर्व व मंत्री जगदीश सोनकर (जौनपुर), केराकत के पूर्व विधायक गुलाब सरोज और मुंगराबादशाहपुर की पूर्व विधायक सुषमा पटेल को बीजेपी की सदस्यता दिलाई. इसके अलावा भी कई प्रमुख नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की.
जगदीश सोनकर
आप को बता दे कि पूर्व राज्यमंत्री जगदीश सोनकर सपा के टिकट पर चार बार विधायक चुने गए.. लेकिन पार्टी ने 2022 में उनका टिकट काटकर रागनी सोनकर को मैदान में उतार दिया था. जगदीश सोनकर दो बार मछलीशहर व दो बार शाहगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काटकर रागनी सोनकर को मैदान में उतार दिया था. जिसके चलते वे सपा से नाराज चल रहे थे.
गुलाब सरोज
केराकत से सपा के पूर्व विधायक गुलाब सरोज ने सोमवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. गुलाब सरोज कर्मचारी से इस्तीफा देकर 2012 में साइकिल पर सवार होते हुए पहली बार विधायक चुने गए. 2017 व 2022 में पार्टी ने इनको टिकट नहीं दिया. इससे यह काफी दिनों से असंतुष्ट चल रहे थे.
सुषमा पटेल
मुंगराबादशाहपुर की पूर्व विधायक सुषमा पटेल भी भाजपा की सदस्यता कर ली. सुषमा पटेल 2017 में हाथी पर सवार होकर विधानसभा पहुंची थीं. बाद में बसपा से निष्कासित होने के सपा का दामन थाम लिया था. 2022 में सपा ने उन्हें मड़ियाहूं विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन जनता ने नकार दिया था. अब सुषमा पटेल सपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हो गयीं.
पूर्व विधायक सुषमा पटेल के सास-ससुर भी रह चुके हैं विधायक
सुषमा पटेल के ससुर दूधनाथ पटेल 1985 में लोकदल से व सास सावित्री पटेल 1989 में जनता दल और फिर 1993 में सपा-बसपा गठबंधन से मड़ियाहूं से ही विधायक रह चुकी हैं. अब 2024 का लोकसभा चुनाव दिलचस्प हो गया. अब देखना होगा कि इन नेताओं के पाला बदलने से आगामी चुनाव में बीजेपी को कितना फायदा मिलता है.