Survey Of Madarsas: यूपी सरकार ने नेपाल सीमा पर बने निजी मदरसों की आय के स्रोत की जांच कराने का फैसला किया है. इस बारे में यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड की तरफ से भी आदेश जारी किए हैं.
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लखनऊ: उत्तर सरकार ने उन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की आय के स्रोत पता लगाने शुरू कर दिए हैं जिनका स्रोत पिछले सर्वे में स्पष्ट नहीं हुए थे. इनमें ज्यादातर गैर मान्यता प्राप्त मदरसे भारत नेपाल के सीमावर्ती जिलों में है. इसके लिए उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने यूपी के सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को पत्र लिखा है. मदरसों को तीन श्रेणियों में बांटकर उनकी जांच का आदेश दिया गया है.गौरतलब हो कि पिछले साल सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी मदरसों का सर्वे किया गया था.
निजी मदरसों की आय के स्रोत की जांच कराने का फैसला
योगी सरकार की नजरें नेपाल सीमा पर कुकुरमुत्तों की तरह उग आए मदरसों की तरफ घूमी है. यूपी सरकार ने नेपाल सीमा पर बने निजी मदरसों की आय के स्रोत की जांच कराने का फैसला किया है. इस बारे में यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड की तरफ से भी आदेश जारी किए हैं. बता दें कि यूपी की नेपाल से सटी सीमा के आसपास के जिलों में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की भरमार है. इनके इनकम के स्रोत की अब जांच कराकर रिपोर्ट मांगी गई है.
योगी सरकार ने जारी किया था सर्वे का आदेश
इसके पहले 30 अगस्त को यूपी में योगी सरकार ने जिलाधिकारियों को गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. प्रदेश में सर्वेक्षण 10 सितंबर को शुरू हुआ था. इस सर्वे की रिपोर्ट जिलाधिकारियों ने 15 नवंबर को सरकार को सौंप दी. दो महीने के सर्वेक्षण के दौरान, राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त कुल 8,449 मदरसे काम नहीं कर रहे थे. गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की अधिकतम संख्या (550) मुरादाबाद जिले में पाए गए.
कुल मदरसों की संख्या
यूपी में कुल 25,000 से अधिक मदरसे हैं. उनमें से 16,513 से अधिक को यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन द्वारा मान्यता प्राप्त है. इन मान्यता प्राप्त मदरसों में 19 लाख से अधिक छात्र नामांकित हैं. सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को तीन श्रेणियों में बांटा है.
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