Primary Teachers : यूपी सरकार ने कहा है कि प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक पढ़ाई के दौरान स्कूलों से बाहर नहीं जाएंगे.
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों (UP Primary Teachers) के लिए नया फरमान जारी किया है. शिक्षकों से किसी भी विभाग का घर-घर जाने वाला यानी डोर टू डोर (Door to Door Survey) का कोई हाउसहोल्ड सर्वे नहीं कराया जाएगा. लेकिन स्कूलों में टीचरों (School Teachers) के गैरहाजिर रहने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और वेतन भी कटेगा. सरकारी प्राइमरी टीचरों को जिला प्रशासन, बीएसए ऑफिस और खंड शिक्षा अधिकारी के ऑफिस से संबद्ध नहीं किया जाएगा. पासबुक इंट्री, ग्राम प्रधान,मिड डे मील जैसे कामों के लिए शिक्षण अवधि में टीचर स्कूल परिसर से बाहर नहीं जाएंगे. शिक्षकों के वेतन, अवकाश, चिकित्सा से जुड़ा कार्य ऑनलाइन मानव संपदा पोर्टल के जरिये निपटाया जाएगा.
BSA या BEO से सीधे संपर्क नहीं साधेंगे शिक्षक
किसी कामकाज के लिए शिक्षक बीईओ या जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से सीधे संपर्क नहीं करेंगे. हफ्ते में कम से कम एक बार प्रिंसिपल की अध्यक्षता में स्कूल के सभी शिक्षकों की बैठक होगी. इस मीटिंग में अगले हफ्ते की कार्ययोजना और विकासखंड स्तर पर मासिक समीक्षा बैठकों के निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की जाएगी. यह भी कहा गया है कि जिला प्रशासन, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी अपने स्तर से किसी परीक्षा का आयोजन नहीं करेंगे.
प्राथमिक विद्यालय ( School) 15 मिनट पहले पहुंचना होगा
बेसिक शिक्षा विभाग ने नए निर्देशों में कहा है कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई के तय घंटों में कोई भी शिक्षक विद्यालय परिसर से बाहर नहीं रहेगा. टीचर शैक्षिक अवधि से 15 मिनट पूर्व स्कूल में उपस्थित होंगे. पढ़ाई की अवधि के बाद कम से कम 30 मिनट मौजूद रहकर रजिस्टर और अन्य डेटा अपडेट करेंगे. साथ ही अगले दिन की पढ़ाई का टाइमटेबल तैयार करेंगे.
वीकली कैलेंडर का सौ फीसदी अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा. अगर एजुकेशनल कैलेंडर में निर्धारित समयसारिणी का अनुपालन नहीं किया गया तो अतिरिक्त क्लास की व्यवस्था की जाएगी. पढ़ाई अवधि में रैली, प्रभात फेरी और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा. छात्रों की पढ़ाई को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों को बेसिक शिक्षा अधिकारियों से लागू कराने का निर्देश दिया गया है.
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद ने दिशानिर्देशों में कहा है कि टाइम एंड मोशन स्टडी के हिसाब से स्कूलों में पढ़ाई की अवधि और कामकाज के निर्धारण की मौजूदा पद्धति असंतोषजनक है. डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी पढ़ाई के लिए निर्धारित टाइमटेबल पर 20 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है. स्कूलों में प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 240 शिक्षण दिवस अनिवार्य है. इसी तरह किताबों को मुफ्त बांटने, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और राहत सामग्री का वितरण पढ़ाई के घंटों के दौरान नहीं होगा.
दिशानिर्देशों के अनुसार,शिक्षकों को राज्य परियोजना कार्यालय और SCERT ट्रेनिंग में शामिल होना होगा. जिला या विकासखंड स्तर पर बीएसए या खंड शिक्षा अधिकारी (SDO) प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं करेंगे. गैरकानूनी ट्रेनिंग प्रोग्राम पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.