Omprakash Rajbhar News: राजनीतिक पंडितों का मानना है कि, राजभर अखिलेश से मिलकर अपनी शर्तें रखना चाहते हैं. अगर अखिलेश के साथ लोकसभा में 5 सीटों वाली ये डील फाइनल नहीं होती है तो फिर राजभर नई पार्टी के साथ खड़े नजर आ सकते हैं.
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राजन झा/लखनऊ: क्या सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) नया सियासी दोस्त तलाश रहे हैं. ये सवाल इसलिए क्योंकि अखिलेश यादव से नाराजगी की खबरों के बीच वो आज दिल्ली पहुंचे हैं. खबर है कि वो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात कर सकते हैं. वहीं ऐसी खबरें भी आ रही है कि राजभर ने विकल्प खुले रखे हैं और मायावती से हाथ मिलाने से भी वो परहेज नहीं करेंगे.
ओमप्रकाश राजभर को फिर से नये सियासी दोस्त की तलाश
दोस्ती की सौगंध खाने वाले, दोस्ती की मिसाल देने वाले और दोस्तों के साथ मिलकर सत्ता पर काबिज होने का दंभ भरने वाले ओमप्रकाश राजभर को एक बार फिर से नये सियासी दोस्त की तलाश है. यूपी की सियासत में ओम प्रकाश राजभर को दल-बदलू नेता का खिताब मिला हुआ है. राजभर जिस भी पार्टी के साथ चुनाव लड़ते हैं. नतीजे आने के बाद उससे नाराज दिखने लगते हैं. फिलहाल वो सपा के साथ हैं और अखिलेश से नाराज हैं. अखिलेश पर जमकर हमले भी कर रहे हैं और पलट भी रहे हैं.
सियासी अटकले हुईं तेज
2024 के लिए अब राजभर एक नई स्क्रिप्ट लिख रहे हैं और इस स्क्रिप्ट के रहस्य से पर्दा 16 जुलाई को उठेगा, लेकिन सूत्र बताते हैं कि राजभर बीजेपी और बसपा दोनों के टच में हैं. खबर के मुताबिक राजभर आज दिल्ली पहुंचे हैं और वो बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं.वहीं सूत्रों के मुताबिक एक हफ्ते पहले राजभर ने मायावती के मीडिया इंचार्ज मेवालाल से बात की थी. फिर उनकी बात मायावती से कराई गई. इस मुलाकात को लेकर सियासी अटकलें तेज हो गई हैं.
'लोकसभा की पांच सीटों की कर रहे मांग'
दरअसल राजभर और सपा के बीच खींचतान चल रही है. इसके पीछे आने वाला लोकसभा चुनाव मुख्य कारण है. सूत्र बताते हैं कि राजभर को इस बार लोकसभा की 5 सीटें चाहिए. अखिलेश यादव अभी इसके लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि इन 5 सीटों में से राजभर एक अपने बेटे को और दो मुख्तार अंसारी के परिवार को देना चाहते हैं. राजभर इसी डील को सील करने के लिए अखिलेश से मिलना चाहते हैं, लेकिन सपा ने साफ कर दिया कि अखिलेश और राजभर की फिलहाल मुलाकात नहीं हो रही है.
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि, राजभर अखिलेश से मिलकर अपनी शर्तें रखना चाहते हैं. अगर अखिलेश के साथ लोकसभा में 5 सीटों वाली ये डील फाइनल नहीं होती है तो फिर राजभर नई पार्टी के साथ खड़े नजर आ सकते हैं.
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