देश और UP के कई बड़े घोटालों की जांच कर चुके हैं Rajeshwar Singh, पत्नी भी हैं IPS, जानें इनके बारे में
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देश और UP के कई बड़े घोटालों की जांच कर चुके हैं Rajeshwar Singh, पत्नी भी हैं IPS, जानें इनके बारे में

ईडी लखनऊ की कमान संभालने के बाद राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में पोंजी स्कीम के कई बड़े घोटालों में कार्रवाई हुई. गोमती रिवरफ्रंट घोटाला, स्मारक घोटाला, खनन घोटाला व बाइक बोट घोटाला में भी उन्होंने जांच शुरू कराई. 

राजेश्वर सिंह.

लखनऊ: आईपीएस असीम अरुण के बाद नौकरी छोड़कर चुनावी राजनीति में उतरने वाले अफसरों में एक और नाम जुड़ गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ के संयुक्त निदेशक रहे राजेश्वर सिंह का वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना) सरकार ने मंजूर कर लिया है. अब वह यूपी चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे. खबर है कि राजेश्वर सिंह अपने गृह जनपद सुलतानपुर से या लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से भाजपा प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं.

1994 बैच के पीपीएस अधिकारी थे राजेश्वर सिंह
राजेश्वर सिंह प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) के 1994 बैच के अधिकारी हैं. वह लखनऊ में सीओ गोमतीनगर व सीओ महानगर के पद पर तैनात रहे. उन्होंने प्रयागराज में भी अहम पदों पर जिम्मेदारी संभाली. वह वर्ष 2009 में प्रतिनियुक्ति पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में गए थे, बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उन्हें ईडी में समायोजित कर लिया गया था. लगभग 10 वर्ष उत्तर प्रदेश पुलिस में और 14 वर्ष ईडी में अपनी सेवाएं देने के बाद अब वह नौकरी छोड़कर दूसरी पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं.

राजेश्वर सिंह की पत्नी भी हैं आईपीएस अफसर
राजेश्वर सिंह की पत्नी लक्ष्मी सिंह भी आईपीएस अधिकारी हैं. वह वर्तमान में आइजी रेंज, लखनऊ हैं. उनके बहनोई राजीव कृष्ण एडीजी आगरा जोन हैं. दूसरे बहनोई वाईपी सिंह भी महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अफसर रहे, उन्होंने भी वीआरएस लिया था. राजेश्वर सिंह का नाम प्रवर्तन निदेशालय के तेजतर्रार अधिकारियों में की जाती है. उन्हें एजेंसी ने कुछ अहम जांचों का जिम्मा सौंपा था, जिनमें 2G स्कैम, जगन रेड्डी केस, कॉमनवेल्थ गेम्स स्कैम, अगस्ता वेस्टलैंड केस, एयरसेल मैक्सिस केस, व अन्य प्रमुख मामले शामिल हैं.

कई हाई प्रोफाइल स्कैम्स की जांच से जुड़े रहे
ईडी लखनऊ की कमान संभालने के बाद राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में पोंजी स्कीम के कई बड़े घोटालों में कार्रवाई हुई. गोमती रिवरफ्रंट घोटाला, स्मारक घोटाला, खनन घोटाला व बाइक बोट घोटाला में भी उन्होंने जांच शुरू कराई. माफिया मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद के विरुद्ध भी मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू कराने में भी राजेश्वर की अहम भूमिका रही. राजेश्वर सिंह को वीरता के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक भी मिल चुका है. ईडी के साथ अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA Act) के तहत 4000 करोड़ से ​अधिक की चल और अचल संपत्ति जब्त की.

राजेश्वर सिंह के पिता भी आईपीएस अफसर थे
राजेश्वर सिंह के पिता स्वर्गीय रण बहादुर सिंह भी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी थे. राजेश्वर सिंह ने धनबाद के इंडियन स्कूल ऑफ माइंस से बीटेक की डिग्री लेने के बाद एलएलबी और मानवाधिकार में पीएचडी की है. उनके भाई रामेश्वर सिंह इनकम टैक्स कमिश्नर हैं. एक बहन मीनाक्षी आइआरएस अधिकारी हैं. राजेश्वर सिंह की बड़ी बहन आभा सिंह सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं. आभा सिंह इंडियन पोस्टल सर्विस में थीं.

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