राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना से पहले हर गांव तक पहुंच बनाना चाहता है. इसके लिए संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों के साथ अपना विजन साझा किया है.
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बरेली : अगले साल लोकसभा चुनाव है, वहीं 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की स्थापना के 100 वर्ष हो रहे हैं. इसको लेकर संघ ने अपनी रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) मिशन 2025 को लेकर शताब्दी वर्ष समारोह को लेकर बरेली में आयोजित 4 दिवसीय कार्यक्रम में शामिल हुए. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में संघ के इस कार्यक्रम को सामाजिक और राजनीतिक नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है. इस मौके पर संघ प्रमुख ने स्वयंसवेकों को शताब्दी वर्ष को लेकर मूल मंत्र दिए. इसके साथ ही स्वयंसवेकों से अधिक से अधिक संपर्क बढ़ाने को लेकर विचार जाने.
सरसंघचालक मोहन भागवत ने शताब्दी वर्ष को लेकर स्वयंसेवकों को संगठन कौशल का मंत्र दिया. संघ की शाखाओं में हर वर्ग के लोगों की पहुंच बढ़े, इसके लिए लोगों को संघ की विचारधारा से अवगत कराया जाएगा.
आरएसएस का जोर स्वयंसेवकों के शारीरिक और मानसिक विकास पर जोर देने पर है. बताया जा रहा है कि सरसंघचालक ने मिलन मंडल और मिलन शाखा शुरू करने की बात कही है.
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रात में भी होगा शाखाओं का संचालन
आरएसएस अपनी स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने के मौके पर देश के हर गांव और मंडल तक अपनी पहुंच बनाना चाहता है. इसके लिए रात्रि शाखाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी. यह चरणबद्ध तरीके से होगा. उन्होंने स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं से सोशल मीडिया की ताकत का उपयोग करने का भी आह्वान किया. इसके लिए बड़ी टीम बनाई जाएगी.
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