यूपी में कार्यवाहक डीजीपी की हैट्रिक लगी, जानें क्‍यों नहीं मिल पा रहा पुलिस महकमे को स्‍थाई मुखिया
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यूपी में कार्यवाहक डीजीपी की हैट्रिक लगी, जानें क्‍यों नहीं मिल पा रहा पुलिस महकमे को स्‍थाई मुखिया

UP New Permanent DGP : कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्‍वकर्मा के रिटायर होने के बाद विजय कुमार को नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है. बीते एक साल से प्रदेश की जनता को स्‍थायी डीजीपी नहीं मिल पाया है. इसे लेकर विपक्ष लगातार सवाल भी खड़ा कर रहा है. 

फाइल फोटो

UP New Permanent DGP : यूपी की 25 करोड़ जनता को एक बार फिर कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) मिल गया है. मंगलवार को कार्यवाहक डीजीपी आरके विश्‍वकर्मा के रिटायर होने के बाद विजय कुमार को नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है. बीते एक साल से प्रदेश की जनता को स्‍थायी डीजीपी नहीं मिल पाया है. इसे लेकर विपक्ष लगातार सवाल भी खड़ा कर रहा है. 

विपक्ष लगातार सरकार पर कस रहा तंज 
पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा था. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा था कि उत्‍तर प्रदेश में स्‍थाई डीजीपी की नियुक्ति क्‍यों नहीं हो रही ?. क्‍या कोई आईपीएस इस पद के योग्‍य नहीं है या उसके लिए कोई तैयार नहीं हो रहा है. इशारों-इशारों में अखिलेश ने स्‍पष्‍ट कर दिया था कि कोई भी आईपीएस मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के पैमाने पर इस पद के लिए खरा नहीं उतर पा रहा है. 

मुकुल गोयल को कार्यकाल पूरा होने से पहले हटाया 
बता दें कि यूपी में वर्तमान में डीजी स्‍तर के 17 आईपीएस तैनात हैं. इससे पहले योगी सरकार ने मुकुल गोयल को डीजीपी बनाया था. मुकुल गोयल जून 2021 से मई 2022 तक यूपी के डीजीपी रहे. योगी सरकार ने उन्‍हें कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद से हटा दिया था. योगी सरकार ने साल 2022 में मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटाकर आईपीएस देवेंद्र सिंह चौहान (DS Chauhan) को कार्यवाहक डीजीपी बनाया था.  

मार्च 2023 में आरके विश्‍वकर्मा बने थे डीजीपी 
वहीं, जब मार्च 2023 में डीएस चौहान रिटायर हुए तो योगी सरकार ने आरके विश्‍वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी के तौर पर तैनात कर दिया. अब मई 2023 में आरके विश्‍वकर्मा रिटायर हो गए तो योगी सरकार ने विजय कुमार को नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया है.  विजय कुमार 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वह साल 2024 में रिटायरमेंट होंगे. 

डीजीपी की क्‍या होती है जिम्‍मेदारी  
बता दें कि डीजीपी का पद पुलिस विभाग में सबसे बड़ा पद होता है. डीजीपी को अपने क्षेत्र में कई अधिकार प्राप्त होते हैं. वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके सूबे की कानून व्यवस्था को बनाए रखते हैं. इसके साथ ही प्रदेश में अपराध न हो सके इसके लिए  अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी देते हैं. अपराधियों की धरपकड़ के लिए उन पर इनाम भी घोषित करने की अनुमति देता है. 

कैसे होता है डीजीपी का चयन 
डीजीपी के चयन के लिए उसी आईपीएस अफसर का नाम पैनल को भेजा जाता है, जिनके रिटायरमेंट में कम से कम 6 महीने का समय हो. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत डीजीपी का कार्यकाल 2 साल का होना चाहिए.  

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