12 जून 1975....ये वो तारीख है जिसने भारतीय राजनीति को काफी हद तक बदल दिया. इसी दिन 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी को चुनाव में गलत तरीके अपनाने का दोषी पाया. कोर्ट ने ना केवल उनकी चुनावी जीत को रद्द कर दिया बल्कि अगले छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए उन्हें अयोग्य ठहरा दिया. दरअसल यह कहानी 1971 के रायबरेली लोकसभा चुनाव से शुरू होती है. इस चुनाव में इंदिरा गांधी को जबरदस्त जीत हासिल हुई थी. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी.... संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार... राजनारायण को भारी मतों से हराया था. राजनारायण को इस करारी हार की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी.... वो तो चुनाव परिणाम आने से पहले ही अपना विजय जुलूस भी निकाल चुके थे. इस हार से असंतुष्ट राजनारायण कोर्ट की शरण में जा पहुंचे. राजनारायण का आरोप था कि इंदिरा गांधी ने चुनावों में धांधली की है.... और चुनाव जीतने के लिए उन्होंने सरकारी मशीनरी और संशाधनों का दुरुपयोग किया है, इसलिए चुनाव को निरस्त किया जाए. इतिहास की किताबों में इस मुक़दमे को इंदिरा गांधी बनाम राजनारायण के नाम से जाना जाता है. यह 12 जून 1975 का ही दिन था जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजनारायण बनाम इंदिरा गांधी मामले में अपना फैसला सुनाया.