भारत का संविधान हर नागरिक को बोलने की आजादी का मौलिक अधिकार देता है. लेकिन यही संविधान हमारे बोलने की आजादी पर तब अंकुश भी लगाता है जब राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा खतरा होता है. कुछ लोग ऐसे भी हैं कि बोलने के अधिकार को जन्मसिद्ध अधिकार मान लेते हैं.