World Blood Donor Day 2022: देश को हर साल 2.5 करोड़ से ज्यादा यूनिट खून की जरूरत, इन राज्यों में है ब्लड बैंकों की कमी
Advertisement
trendingNow11219049

World Blood Donor Day 2022: देश को हर साल 2.5 करोड़ से ज्यादा यूनिट खून की जरूरत, इन राज्यों में है ब्लड बैंकों की कमी

World Blood Donor Day 2022: दुनिया में हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस (World blood donor day) मनाया जाता है. इस दिन ब्लड डोनेशन पर जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम किए जाते हैं.

World Blood Donor Day 2022: देश को हर साल 2.5 करोड़ से ज्यादा यूनिट खून की जरूरत, इन राज्यों में है ब्लड बैंकों की कमी

World Blood Donor Day 2022: भारत को हर साल 26.5 मिलियन यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती है. आए दिन हमारे सामने खून की जरूरत के मामले सामने आते रहते हैं. रक्तदान के महत्व को समझाने के लिए ही हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस (World blood donor day) मनाया जाता है. आईए जानते हैं भारत के किन राज्यों में ब्लड बैंकों पर्याप्त नहीं है और कौन से जिलों में अभी तक ब्लड बैंक मौजूद नहीं है.  

देश के पास कितना खून होना चाहिए  

विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) के मुताबिक किसी भी देश की 1 % आबादी अगर रक्त दान करें तो ये देश के लिए पर्याप्त होता है. हालांकि ऐसा माना जाता है कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ खून की जरूरत बढ़ती जाती है. इस आधार पर देश को 13.7 मिलियन ब्लड यूनिट खून की जरुरत है. वहीं  NACO की साल 2018 की रिपोर्ट के अनुसार देश को लगभग सालाना 26.5 मिलियन यूनिट की जरूरत पड़ती है. 

क्या है राष्ट्रीय रक्त नीति (National Blood Policy)  

राष्ट्रीय रक्त नीति के अनुसार देश के हर जिले में एक ब्लड बैंक होना चाहिए, ताकि देश के शहरी इलाकों में ही रक्त उपलब्ध न रहें. फरवरी 2022 तक, भारत में 3807 लाइसेंस प्राप्त ब्लड बैंक काम कर रहे हैं.  

भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर ब्लड बैंक 

आंकडों के अनुसार देश में औसतन प्रति 10 लाख की आबादी पर 2.78 ब्लड बैंक मौजूद है. मगर इसमें देश के कई बड़े राज्यों का औसत देश के राष्ट्रीय औसत से नीचे है. इनमें सबसे खराब स्थिति बिहार (0.85) की है, जहां पर प्रति 10 लाख आबादी पर ब्लड बैंक की उपलब्धता एक से भी कम हैं. इस सूची में गुजरात (2.55), राजस्थान (2.48), असम (2.41), मध्य प्रदेश (2.05), उड़ीसा (1.90), उत्तर प्रदेश (1.82), झारखंड (1.70) और पश्चिम बंगाल (1.55) शामिल हैं. 

ब्लड बैंक के मामले में दक्षिणी राज्य बेहतर, तेलंगाना अव्वल 

देश के दक्षिणी राज्यों में कई स्वास्थ्य और मानव विकास मानकों की तरह इस मामले में भी स्थिति बेहतर हैं. देश के बड़े राज्यों की बात की जाए तो तेलंगाना (6.68) ब्लड बैंक के मामले में देश में सबसे बेहतर है. केरल (5.69) , पंजाब (4.95), हरियाणा (4.66), उत्तराखंड (4.52), तमिलनाडु (4.32), आंध्र प्रदेश (4.1), कर्नाटक (4.05) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (3.83) भी इस मानक पर बेहतरीन 10 राज्यों में शामिल हैं.  

देश के 30 जिलों में ब्लड बैंक नहीं  

देश में कुल 770 से ज्यादा जिले हैं. साल 2021 में सरकार ने सदन में बताया कि देश में सितंबर 2020 के आंकड़ों के अनुसार 63 जिलों में ब्लड बैंक नहीं है. ई-रक्तकोश (https://www.eraktkosh.in/) के जारी डाटा के अनुसार अब देश में बिना ब्लड बैंक वाले जिलों की संख्या कम होकर 30 हो गई है. देश के पूर्वोत्तर भारत में स्थिति में अब भी सुधार नहीं आया है. यहां के 28 जिलों में अब भी बल्ड बैंक नहीं है. अरुणाचल प्रदेश में बिना ब्लड बैंक वाले 10 जिले हैं. इसके अलावा मणिपुर में 7, नागालैंड और असम में 4-4, मेघालय में 3, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में 1-1 जिले  में ब्लड बैंक नहीं है.  

ये भी पढ़ें- Prophet Muhammad Row: पैगंबर विवाद में इस मुस्लिम इंजीनियर ने ऐसा क्या लिखा कि भड़क गए कट्टरपंथी? कलमा पढ़वाकर मंगवाई माफी

कहां कहां इस्तेमाल होता है खून  

NACO के अनुसार देश को लगभग सालाना 26.5 मिलियन यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है. इसमें से 39.90 % मेडिसन के क्षेत्र में, 25 % सर्जरी, बालरोग (21.30 %) के लिए इस्तेमाल होता है. इसके अलावा प्रसूति पश्चात और स्त्री रोगों के लिए 13.80 % रक्त की आवश्यकता होती है.  

वहीं अगर बीमारियों की बात की जाए तो देश में रक्त का सबसे ज्यादा इस्तेमाल गंभीर एनीमिया (39.7 %)  के लिए किया जाता है. इसके अलावा हेमोलिटिक एनीमिया- थैलेसीमिया (22.4%), जन्म के समय बहुत कम वजन (13.4%) और कैंसर विज्ञान (12.0%) में भी भारी मात्रा में रक्त की जरूरत होती है.  

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news