Plastic pollution in Oceans: मौजूदा समय में प्लास्टिक इंसान की जिंदगी का एक हिस्सा बन गया है. इसके बिना किसी भी काम के बारे में सोच पाना मुश्किल है. नहाने की बाल्टी से लेकर बाजार जाने का थैला, आपके जूते से लेकर आपके शर्ट के बटन तक डायरेक्ट-इनडायरेक्ट तौर पर प्लास्टिक हर इंसान की जिंदगी से जुड़ा हुआ है. जैसा कि हम जानते हैं ज्यादातर प्लास्टिक को नष्ट नहीं किया जा सकता है लेकिन अब यही प्लास्टिक इंसानों के लिए समस्या बनता जा रहा है.
प्लास्टिक हमारी जिंदगी के कई कामों का आसान कर देती है लेकिन इसकी वजह से आज इंसान अपने ही पर्यावरण की तबाही का जिम्मेदार बन गया है. साल 2019 में 171 खरब प्लास्टिक के टुकड़े समंदर में तैर रहे थे. इसके साथ ही आंकड़े बताते हैं कि साल 2005 के बाद से माइक्रोप्लास्टिक को समंदर में फेंके जाने की प्रक्रिया में काफी उछाल आया था.
प्लास्टिक को डीकंपोज करना बेहद मुश्किल है या यूं कह लें कि प्लास्टिक ना के बराबर डीकंपोज होता है. जिन 171 खरब समंदर में तैरते प्लास्टिक का जिक्र किया गया. अगर इनका कुल वजन निकाला जाए तो यह करीब 20 लाख टन से भी ज्यादा होगा.
समंदर में तैर रहे प्लास्टिक से जुड़े आंकड़े पेश करने वाली अमेरिका की संस्था 5 गीयर्स (5 Gyres Institute) ने दावा किया है कि समंदर में करीब 20 लाख टन वजन का कचरा तैर रहा है. 5 गीयर्स ने अपने रिसर्च में कहा है कि साल 2040 तक समंदर में प्लास्टिक कचरा बढ़कर 3 गुना अधिक हो जाएगा.
अमेरिकी रिसर्च संस्थान ने अपनी स्टडी को पुख्ता करने के लिए 11,777 जगहों को सैंपल के तौर पर चुना था और इन जगहों पर स्टडी करने के बाद संस्थान अपने फाइनल नतीजे पर पहुंचा. समंदर में फैले माइक्रोप्लास्टिक समुद्री जीवों के अंदरूनी अंगों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्लास्टिक कचरे की बढ़ती दिक्कतों को समझा और इससे निपटने के लिए साल 2021 में अंतरराष्ट्रीय संधि की कोशिशें शुरू कीं. प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए नवंबर के महीने में उरुग्वे में एक बैठक भी की गई थी. इस मीटिंग का उद्देश्य था कि बढ़ते प्लास्टिक की समस्या से निजात पाने के लिए कानून बनाकर इस पर लगाम लगाना है.
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