Government Job: भारतीय समाज में खासतौर से उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाना एक सपना होता है, लेकिन वहीं अगर कोई ऐसा शख्स हो जो ये नौकरी छोड़कर बकरी पालना शुरू कर दे, तो उसे आप क्या कहेंगे. ज्यादातर लोग इसका समर्थन नहीं करेंगे.
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Trending News: लोग सरकारी नौकरी पाने के लिए कई सालों तक मेहनत करते हैं. भारतीय समाज में खासतौर से उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाना एक सपना होता है, लेकिन वहीं अगर कोई ऐसा शख्स हो जो ये नौकरी छोड़कर बकरी पालना शुरू कर दे, तो उसे आप क्या कहेंगे. ज्यादातर लोग इसका समर्थन नहीं करेंगे. तमिलनाडु के तंजावुर जिले के कुरुवादिपत्ती गांव के सतीश ने ऐसा ही किया है. उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर बकरी पालना शुरू कर दिया.
लोगों को गलत साबित किया
सतीश ने जब ये काम शुरू किया तो लोगों ने कहा कि उनका दिमाग खराब हो गया है. लेकिन सतीश अपनी जिद्द से लोगों को गलत साबित किए और आज महीने में लाखों की कमाई कर रहे हैं. सतीश ने बकरी पालने के लिए तमिलनाडु पुलिस की नौकरी छोड़ दी. उनके इस फैसले पर कुछ लोगों ने उन्हें पागल तक कहा. सतीश की गिनती आज तमिलनाडु के सफल पशु पालकों में होती है. सतीश भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को अपना आदर्श मानते हैं. वह फल से ज्यादा कर्म को मानते हैं.
इसी सोच के साथ सतीश अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं. वह तीन एकड़ में खेती करते हैं. बकरियां पालने के साथ-साथ सतीश बकरियों के लिए उगाया चारा बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. बकरी पालन से हुई कमाई से ही उन्होंने अपना फिटनेस सेंटर भी खोल लिया है. इससे उनकी कमाई भी बढ़ गई है. सतीश ने बचपन से ही पुलिस फोर्स ज्वाइन करने का सपना देखा था. साल 2009 में उनका सपना पूरा भी हो गया था. वह तमिलनाडु पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए. भले ही पुलिस में भर्ती होना उनका बचपन का सपना रहा हो लेकिन वह कुछ साल में ही इस नौकरी से ऊब गए.
उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ने का मन बना लिया और इसके बारे में अपनी पत्नी को बता दिया. सतीश को ये पता था कि सरकारी नौकरी छोड़ने का उनका फैसला उनके माता-पिता पसंद नहीं करेंगे. वह जब गांव गए तो उन्होंने अपने माता-पिता से झूठ बोलते हुए कहा कि वह लंबी छुट्टी लेकर आए हैं.
सतीश ने तीन एकड़ के खेत में 150 बकरियों के साथ बिजनेस की शुरुआत की. वह दो एकड़ में बकरियों के लिए चारा उगाते हैं. 1 एकड़ में चावल लगाते हैं. सतीश के खेत में जरूरत से ज्यादा चारा होता है. फालतू चारे को दूसरे बकरी पालकों को बेचकर वह लाखों कमाते हैं. बकरियों की सही देखभाल और चारा प्रबंधन से आज वह महीने में 1 लाख रुपये कमा रहे हैं. बकरी पालन में सफलता हासिल करने के बाद सतीश ने पावर स्मैक नाम से तंजावुर में फिटनेस सेंटर शुरू किया.
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