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Mumbai Local Train: मुंबई की बात हो और वहां की हलचल भरी लोकल ट्रेन की चर्चा न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. लोकल ट्रेन का नाम सुनते ही लोगों के मन में यह ख्याल जरूर आ जाता है, जिसमें पब्लिक सीट के तो छोड़िए जनाब, खड़े होने के लिए भी जगह नहीं मिलती. एक हालिया वायरल वीडियो में कुछ ऐसा सीन देखने को मिला, लेकिन यह रेस महिलाओं की थी जो सीट पाने के लिए चलती ट्रेन में ही चढ़ने का प्रयास कर रही थीं और इसी धक्का-मुक्की में कुछ महिलाएं ट्रेन में चढ़ते ही गिर गईं. वायरल होने वाले वीडियो की शुरुआत में दो महिलाओं को चलती ट्रेन में तेजी से चढ़ते हुए देखा जा सकता है.
चलती मुंबई मेट्रो में कुछ ऐसे चढ़ीं महिलाएं
फिलहाल, मुंबई के लिए यह एक सामान्य घटना है क्योंकि ट्रेन स्टेशन पर पहुंचते ही यात्री सीटों के लिए हाथापाई करने लगते हैं. वीडियो में एक महिला को ट्रेन के दरवाजे की ओर दौड़ते हुए दिखाया गया है, जो ट्रेन के पूरी तरह रुकने से पहले सीट सुरक्षित करने का प्रयास कर रही है. सीटों के लिए चलती ट्रेन में महिलाएं दौड़ लगा रही हैं. यह उनके लिए खतरनाक होने के साथ-साथ जानलेवा भी साबित हो सकती है. यह हर दिन का है, और मुंबई के यात्री रोजाना इसका सामना करते हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किए गए वीडियो के साथ एक कैप्शन भी है, जिसमें इस खतरनाक पल की आलोचना भी की गई थी.
You'll find this sad, scary, substandard living. But the affluent, wokes living comfortably in South Bombay glamorize this as the 'spirit of Mumbai', a 'jhunjhuna' given to the common Mumbaikars so that they feel better about their misery and don't ask for better infrastructure. pic.twitter.com/3pARetar3A
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) September 16, 2023
लोगों ने वीडियो पर दिए कुछ ऐसे रिएक्शन
एक्स पर @theskindoctor13 नाम के अकाउंट ने अपने कैप्शन में लिखा, "आपको यह दुखद, डरावना, खतरनाक जीवन लगेगा." आप पोस्ट में पूरा कैप्शन पढ़ सकते हैं, लेकिन यह वीडियो सोशल मीडिया पर 8 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इस वीडियो पर कई सारे लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने लिखा, "बॉलीवुड के बॉम्बे सपने के चित्रण के कारण 1970 के दशक में बड़े पैमाने पर माइग्रेशन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप लाखों लोगों के लिए वर्तमान स्थिति पैदा हुई." एक अन्य यूजर ने बताया कि देश की अर्थव्यवस्था में मुंबई के महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद, इसे लगातार अपर्याप्त बुनियादी ढांचा और अपर्याप्त नागरिक सुविधाएं मिली हैं.