Pakistan Army :मुनीर के चीफ बनते ही पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख जनरल फैज हामिद ने सेना से जल्द सेवानिवृत्ति के लिए अर्जी दी है. वह खुद भी सेना प्रमुख बनने की दौड़ में शामिल थे. इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास ने भी सेवानिवृत्ति मांगी है.
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Pakistan New Army Chief Appointment: पाकिस्तान को आज लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर के रूप में नया आर्मी चीफ मिल जाएगा. पर उनके आर्मी चीफ बनते ही पाक सेना में हलचल मच गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, मुनीर के चीफ बनते ही पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख जनरल फैज हामिद ने सेना से जल्द सेवानिवृत्ति के लिए अर्जी दी है. जियो न्यूज के मुताबिक, जनरल हामिद, वर्तमान में बहावलपुर के कोर कमांडर के रूप में सेवारत हैं और पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों में से एक हैं. वह सेना प्रमुख पद के लिए नामित छह वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों में से एक थे. उन्होंने रावलपिंडी में आर्मी हेडक्वॉर्टर को जल्द सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध भेजा है.
आर्मी चीफ के दावेदार थे
बता दें कि पाकिस्तान सरकार के जनरल आसिम मुनीर को नया सेना प्रमुख के रूप में और जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के बाद इस तरह जल्दी सेवानिवृत्ति मांगने का यह दूसरा मामला है. कुछ दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (सीजीएस) लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास ने भी जल्द सेवानिवृत्ति मांगी है. वह भी वरिष्ठतम अधिकारियों में शामिल हैं और सेना प्रमुख के दावेदारों में उनका भी नाम था.
सेना प्रमुख न बनने से नाराज हो चुके हैं अजहर अब्बास भी
जियो न्यूज के सूत्रों के मुताबिक, अपने पेशेवर अंदाज, दूरदर्शिता और नेतृत्व के लिए जाने जाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास ने अपने व्यक्तित्व के अनुरूप जल्दी सेवानिवृत्ति की मांग करते हुए विदाई लेने का फैसला करके सबको चौंका दिया है. सूत्रों की मानें तो उन्हें पूरा भरोसा था कि वह नया सेना प्रमुख बनेंगे, लेकिन नाम कटने के बाद से वह काफी नाराज बताए जा रहे हैं.
कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं तैनात
अगर जनरल अब्बास के सफर की बात करें तो पाकिस्तान सैन्य अकैडमी से निकलने के बाद उन्हें 1987 में 41 बलूच रेजिमेंट में कमीशन किया गया था. वर्तमान में वह जनरल स्टाफ के हेड हैं. उनका मौजूदा पद अभी सीजीएस का है. इस जिम्मेदारी से पहले वह रावलपिंडी में एक्स कोर के प्रमुख भी रह चुके हैं. इस पोस्ट पर रहते हुए भारत और पाकिस्तान सेना के बीच 2003 में एलओसी पर संघर्ष विराम समझौता हुआ था. लेफ्टिनेंट जनरल अब्बास मुरी स्थित 12 इंफेट्री डिवीजन के मुखिया भी रह चुके हैं. यहां भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को अच्छे से निभाया था. तब उनके पास कश्मीर की भी जिम्मेदारी थी.
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