Albert Einstein's Daughter Lieserl: अल्बर्ट आइंस्टीन जब मिलेवा मैरिक से इश्क फरमा रहे थे, दोनों की एक बेटी हुई. चूंकि, उस समय तक दोनों की शादी नहीं हुई थी, इसलिए बेटी (लायसर्ल) का जन्म राज ही रखा गया. दुनिया को 1986 तक पता नहीं चला कि आइंस्टीन की कोई बेटी भी थी. आइंस्टीन और मिलेवा की चिट्ठियों से लायसर्ल के जन्म का पता चलता है.
Lieserl Einstein Story: अल्बर्ट आइंस्टीन को दुनिया के महानतम वैज्ञानिकों में शुमार किया जाता है. उन्होंने प्रकृति और ब्रह्मांड के कई रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद की. लेकिन आइंस्टीन की निजी जिंदगी हमेशा पर्दे के पीछे ही रही. जरा सोचिए, विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक की कोई बेटी भी थी, यह बात दुनिया को 1986 में पता चली. आइंस्टीन की जीवनी लिखने वाले दशकों पुरानी चिट्ठियां खंगाल रहे थे, जो आइंस्टीन ने पहली पत्नी, मिलेवा मैरिक को लिखी थीं. उन्हें पढ़कर पता चला कि 1902 में मिलेवा ने लायसर्ल आइंस्टीन को जन्म दिया था. लायसर्ल का पैदा होना ताउम्र राज रखा गया. क्यों? क्योंकि तब तक दोनों की शादी नहीं हुई थी. (तस्वीर में, मिलेवा और आइंस्टीन)
चिट्ठियों से मालूम हुआ कि मिलेवा 1901 में गर्भवती हुईं. उस समय वह और आइंस्टीन, ज्यूरिख पॉलिटेक्निक में साथ पढ़ते थे. किसी तरह प्रेगनेंसी छिपाते हुए मिलेवा अपने घर चली गईं ताकि कोई बखेड़ा न हो. मैरिक को एक लड़की चाहिए थी, जबकि आइंस्टीन को लड़के के जन्म की आशा थी. दोनों ने चिट्ठियों में बच्चे का नाम भी सोच लिया था. लड़का हुआ तो 'हैसर्ल' और लड़की हुई तो 'लायसर्ल'. 27 जनवरी 1902 को, मिलेवा ने एक बेटी को जन्म दिया.
कुछ समय तक मिलेवा ने लायसर्ल की देखभाल की, फिर वह आइंस्टीन के पास बर्न, स्विट्जरलैंड चली गईं. 1903 में आइंस्टीन और मैरिक ने शादी कर ली. लेकिन लायसर्ल गायब हो गई. दोनों की मौजूदा चिट्ठियों में आखिरी बार 'लायसर्ल' का जिक्र आइंस्टीन की 19 सितंबर 1903 की चिट्ठी में है, जिसमें उन्होंने चिंता व्यक्त की थी कि बेटी को स्कारलेट बुखार था.
चिट्ठियों में आइंस्टीन ने यह पूछा कि 'बच्चे को किस नाम से रजिस्टर किया गया है?' और यह कहना कि 'हमें सावधानी बरतनी चाहिए कि बाद में उसके लिए कोई समस्या न हो'. 1948 में मिलेवा मैरिक और 1955 में अल्बर्ट आइंस्टीन, दोनों की मौत के बाद भी लायसर्ल दुनिया के सामने नहीं आई. उसकी पहचान 1986 तक राज ही रही, जब मिलेवा और आइंस्टीन के बीच दशकों पुराने निजी पत्रों की खोज के बाद, आइंस्टीन के बायोग्राफर्स को पता चला कि वाकई में लायसर्ल का वजूद था.
इतिहासकारों ने खूब कोशिश की, लेकिन लायसर्ल आइंस्टीन का बर्थ सर्टिफिकेट नहीं मिला. एक भी मेडिकल दस्तावेज बरामद नहीं किया जा सका. बच्चे की मौत से जुड़ा कोई सर्टिफिकेट भी नहीं मिला. शायद 'लायसर्ल' भी शायद उसका असली नाम न हो.
1999 में, लेखक मिशेल जैकहेम ने Einstein’s Daughter: The Search for Lieserl प्रकाशित की. सालों की रिसर्च के आधार पर, जैकहेम ने दावा किया कि लायसर्ल का जन्म कुछ अक्षमताओं के साथ हुआ था. मिलेवा उसे अपने परिवार के पास छोड़कर आइंस्टीन के साथ रहने चली गई थीं. आइंस्टीन और मिलेवा की शादी के कुछ महीनों बाद, लायसर्ल की मौत हो गई. शायद आइंस्टीन अपनी बेटी से कभी मिल नहीं पाए थे. 1903 के बाद की चिट्ठियों में लायसर्ल का कोई जिक्र नहीं मिलता.
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