Delhi Metro Cleaning Process: दिल्ली मेट्रो की सर्विस पिछले 22 सालों से चल रही है और रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं. अगर आप दिल्ली मेट्रो की सर्विस से संतुष्ट नहीं हैं तो इसे बेहतर बनाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को सुझाव दे सकते हैं. दिल्ली मेट्रो के 10वें ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण की शुरुआत आज (15 जुलाई) से हो रही है और ये 14 अगस्त तक चलेगा. ये सर्वे मुख्य रूप से मेट्रो सेवाओं और सुविधाओं पर आधारित होगा. दिल्ली मेट्रो यात्रियों के लिए लाइफलाइन बन चुकी है और हमेशा बेहतर सुविधा के लिए जानी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली मेट्रो की सफाई कैसे होती है और ट्रेनों के अलावा स्टेशन कैसे हमेशा चमकते रहते हैं.
दिसंबर 2002 में शुरू हुई दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) में हर दिन एवरेज 60 लाख से ज्यादा लोग ट्रैवल करते हैं. 13 फरवरी 2024 को दिल्ली मेट्रो से 71.09 लाख यात्रियों ने सफर किया था और सारा रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. इससे पहले 4 सितंबर 2023 को 71.03 लाख यात्रियों और 29 अगस्त 2023 को 69.94 लाख यात्रियों के सफर किया था.
दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) का नेटवर्क लगातार बढ़ता जा रहा है. मौजूदा समय में नोएडा-ग्रेटर नोएडा कॉरिडोर और गुरुग्राम के रैपिड मेट्रो को मिलाकर दिल्ली मेट्रो का संचालन 390.14 किलोमीटर रूट पर हो रहा है और 286 स्टेशनों पर यात्रियों को मेट्रो की सुविधा मुहैया की जा रही है. हालांकि, इसके बाद भी मेट्रो के आगे बढ़ने की रफ्तार कम नहीं हुई है और कई रूट पर अभी भी काम चल रहा है.
दिल्ली मेट्रो की सेवाएं (DElhi Metro Service Timing) आमतौर पर सुबह 5:30 बजे से शुरू हो जाती है और रात 11:30 बजे तक चलती है. हालांकि, हर स्टेशन पर पहली ट्रेन और अंतिम ट्रेन के समय अलग-अलग होते हैं. एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर मेट्रो की सेवाएं आमतौर पर सुबह 4.45 बजे शुरू होती हैं और रात 11.30 बजे तक चलती है. पीक टाइम (Peak Hours) में हर 2-3 मिनट में मेट्रो की सेवा मिलती है, जबकि नॉन पीक टाइम के दौरान ट्रेनों के बीच 5-10 मिनट का अंतर होता है.
दिल्ली मेट्रो के मेंटेनेंस और सफाई (Delhi Metro Cleaning and Maintenance) के लिए कुल 14 डिपो बने हुए हैं, जहां रात 11 बजे से 1 बजे तक काम होता है. दिल्ली मेट्रो के हर डिपो (Delhi Metro Depot) में करीब 40 ट्रेनें मेंटेनेंस और सफाई के लिए आती हैं. हर डिपो में लगभग 100 लोग रोजाना इन ट्रेनों की सफाई और मेंटेनेंस का काम करते हैं.
दिल्ली मेट्रो के मेंटेनेंस (Delhi Metro Maintenance) का काम दो फेस में किया जाता है. पहले फेज में ट्रेनों की सफाई की जाती है और दूसरे फेज में गड़बड़ी को ठीक किया जाता है. डिपो में आने के बाद ट्रेनों की धूल-मिट्टी की सफाई ऑटोमैटिक मशीन से की जाती है. इसके बाद ट्रेनों के फॉल्ट को चेक किया जाता है और ठीक किया जाता है. हालांकि, गड़बड़ी कहां ठीक की जाएगी, इसका फैसला कंट्रोल रूम में लिया जाता है और फिर ड्राइवर को इंस्ट्रक्शन दिए जाते हैं कि वे ट्रेन को किस ट्रैक पर खड़ी करें. दूसरे फेज में ही मेट्रो ट्रेन के सॉफ्टवेयर अपडेट, टेलिकॉम ऑपरेशन, व्हील्स की चेकिंग, सिग्नल सिस्टम, इलेक्ट्रिक सप्लाई, एयर कंडीशन और कोच की बॉडी की जांच भी की जाती है.
मेट्रो ट्रेनों के अलावा दिल्ली मेट्रो नेटवर्क के सभी 286 स्टेशनों (Delhi Metro Stations) की सफाई लगातार होती रहती है. दिल्ली मेट्रो के कर्मचारी लगातार स्टेशन की सफाई में करते रहते हैं. इसके अलावा यात्रा के दौरान भी कर्मचारी मेट्रो ट्रेनों के अंदर सफाई करते रहते हैं.
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