Top 10 Electoral Bond Donor: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) का ब्योरा जारी कर दिया गया है. एसबीआई (SBI) से मिले डाटा की लिस्ट को इलेक्शन कमीशन ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई जानकारी के अनुसार इलेक्टोरल बॉन्ड तीन कैटेगरी 1 लाख रुपये, 10 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये के खरीदे गए हैं. हालांकि इसके आधार पर यह साफ नहीं है कि किस कंपनी ने किस पार्टी को डोनेट किया है. आइए जानते हैं सबसे बड़े दानदाताओं के बारे में-
दानदाताओं की लिस्ट में पहले नंबर पर फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने सबसे ज्यादा 1,368 करोड़ रुपये डोनेट किया है. 30 दिसंबर 1991 में बनी यह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड नहीं है. कंपनी का रजिस्टर्ड पता तमिलनाड के कोयम्बटूर का है. जारी किये गए आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2019 से खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की कुल रकम का आधा हिस्सा 23 कंपनियों का है.
राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों में दूसरे नंबर पर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है. इस कंपनी ने 966 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये दिये हैं. यह कंपनी भी शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं है. इस कंपनी को कृष्णा रेड्डी चलाते हैं. यह कंपनी Olectra Greentech की प्रमोटर है.
इलेक्टोरल बॉन्ड देने वालों में तीसरे नंबर पर क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड है, जिसने 410 करोड़ रुपये दिये हैं. इसके बाद चौथा नंबर वेदांता लिमिटेड का है. इस कंपनी के फाउंडर अनिल अग्रवाल है और कंपनी ने 400 करोड़ रुपये दान किये हैं.
पांचवे नंबर पर हल्दिया एनर्जी लिमिटेड ने 377 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड दिये हैं. इसमें छठे नंबर पर भारती ग्रुप ने 247 करोड़ रुपये राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बॉन्ड के रूप में दिये हैं.
सबसे ज्यादा चंदा देने वालों की लिस्ट में सातवे नंबर पर एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 224 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया है. इसी तरह वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन ने 220 करोड़ रुपये दान किये हैं और यह कंपनी आठवे नंबर पर है.
केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड 194 करोड़ रुपये के साथ नौंवे और मदनलाल लिमिटेड 185 करोड़ रुपये के चुनावी चंदे के साथ दसवे पायदान पर है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़