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ये मुस्लिम और ईसाई देश महिलाओं के लिए नर्क से कम नहीं, कभी भी.. कुछ भी हो सकता है!

दुनिया के कई देशों में महिलाओं की स्थिति इतनी बदतर है कि वहां उनका जीना नर्क से कम नहीं है. चाहे वह घरेलू हिंसा हो.. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी या फिर शादी और कामकाज में आजादी की बात. इन देशों में महिलाएं हर मोर्चे पर संघर्ष करती हैं. आज हम आपको ऐसे 5 मुस्लिम और ईसाई देशों के बारे में बताएंगे.. जहां महिलाओं की जिंदगी पर हर पल खतरों का साया मंडराता है.

कॉन्गो- महिलाओं के लिए असुरक्षित घर और समाज

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कॉन्गो- महिलाओं के लिए असुरक्षित घर और समाज

कॉन्गो में महिलाओं पर हिंसा आम बात है. यहां 51% महिलाएं जीवन में कभी न कभी घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं. शादी की उम्र से पहले ही 37% लड़कियों की शादी कर दी जाती है. शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी महिलाओं की स्थिति को और खराब बनाती है.

मोरक्को- पारंपरिक रिवाजों में जकड़ी महिलाएं

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मोरक्को- पारंपरिक रिवाजों में जकड़ी महिलाएं

मोरक्को में महिलाओं को पारंपरिक रिवाजों के कारण अपनी स्वतंत्रता खोनी पड़ती है. घरेलू हिंसा और लैंगिक भेदभाव यहां की महिलाओं की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता के लिए महिलाओं को काफी संघर्ष करना पड़ता है.

नाइजर- कम उम्र में शादी और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी

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नाइजर- कम उम्र में शादी और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी

नाइजर में लड़कियों की औसत शादी की उम्र 16 साल है. यहां की महिलाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से दूर रखा जाता है. 1,000 लड़कियों में से 124 किशोरावस्था में ही मां बन जाती हैं.

बुरुंडी- शिक्षा और रोजगार में भेदभाव

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बुरुंडी- शिक्षा और रोजगार में भेदभाव

बुरुंडी में महिलाओं को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भारी भेदभाव का सामना करना पड़ता है. यहां की 90% महिलाएं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती हैं. घरेलू हिंसा और लिंग आधारित भेदभाव यहां आम है.

सोमालिया-सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव

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सोमालिया-सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव

सोमालिया में महिलाओं को न तो घर में सुरक्षा मिलती है और न ही समाज में. यहां केवल 2% महिलाएं सुरक्षित और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर पाती हैं. इस कारण मातृ मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक है.

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