Delhi Signature Bridge: शायद ही कोई ऐसा हो, जिसने दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज का नाम ना सुना हो. अगर यूं कहें कि ये ब्रिज दिल्ली की लाइफलाइन है तो गलत नहीं होगा. यमुना नदी पर बना सिग्नेचर ब्रिज का खंभा कुतुब मीनार ये भी दोगुना है और यह दिल्ली में सबसे ऊंचा स्ट्रक्चर है. इसके बनने से नॉर्थ और नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के बीच ट्रैवल टाइम काफी कम हो गया है. लेकिन जरा सोचिए कि अगर ये ब्रिज गिर जाए तो क्या होगा. AI ने इसकी कुछ तस्वीरें दिखाई हैं, जो बेहद खौफनाक हैं.
यह ब्रिज केबल के सहारे टिका है. यह 675 मीटर लंबा और 35.2 मीटर चौड़ा है. इसे 1518 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था. इसे बनने में 14 साल की देरी हुई थी.
हर दिन इस ब्रिज से हजारों वाहन गुजरते हैं. साल 1997 में एक स्कूल बस संकरे वजीराबाद पुल से गुजरते हुए गिर गई थी, जिसमें 28 बच्चों की मौत हो गई थी. इसके बाद सरकार ने एक नया पुल बनाने की योजना बनाई थी. लेकिन देरी होते होते यह 4 नवंबर 2018 को पूरा हो पाया.
अगर कभी सिग्नेचर ब्रिज टूटा तो भारी तबाही मचेगी. हजारों वाहन यमुना में गिर जाएंगे. जो लोग पुल पर चल रहे होंगे, उनकी जान पर बन आएगी. जान-माल का भारी नुकसान होगा.
यमुना नदी, जो पहले ही काफी दूषित हो चुकी है, उसमें इतनी भारी मात्रा में मलबा गिरेगा तो उसके तट पर रहने वाले लोगों को भी नुकसान पहुंचेगा और खेती-बाड़ी भी तबाह हो जाएगी.
सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचेगा नॉर्थ ईस्ट से नॉर्थ जाने वाले लोगों को. क्योंकि अभी जितना ट्रैफिक सिग्नेचर ब्रिज से होकर जाता है, वह सारा या तो पुराने वजीराबाद पुल पर शिफ्ट करना पड़ेगा या फिर दूसरे इलाकों में डायवर्ट करना पड़ सकता है. जिससे कई इलाके में भारी जाम लग सकता है. ऐसे में ट्रैफिक को कंट्रोल करने में पुलिसकर्मियों के भी पसीने छूट सकते हैं.
इस ब्रिज के टूटने से जो ट्रैफिक नॉर्थ दिल्ली से गाजियाबाद की ओर जाता है, वह भी प्रभावित होगा. कई भारी वाहन भी इसी से होकर गुजरते हैं, उनके लिए भी दूसरे इलाकों में जाना मुश्किल हो जाएगा.
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