Ramnavami 2024 Date: चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्री राम जन्म हुआ था. इस दिन राम नवमी मनाई जाती है. साल 2024 में 14 अप्रैल को रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा.
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Ramnavami 2024: चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्री राम जन्म हुआ था. इस दिन राम नवमी मनाई जाती है. साल 2024 में 14 अप्रैल को रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा. अगर जीवन में संकट कम नहीं हो रहे हैं, आए दिन नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है. अगर किसी मुकदमे में लगातार फंसते जा रहे हैं. व्यापार में शत्रुता यानी प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है, तो रामनवमी के दिन कुछ विशेष करने से आपके संकट दूर होंगे. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में.
उत्सव के साथ मनाना जरूरी
रामनवमी यानी रामचंद्र जी का जन्मदिन अर्थात प्राकट्य दिवस. इस दिन ऐसा उत्सव मनाना है, जैसे घर परिवार में किसी का बर्थडे मनाते हैं. अपने हाथों से घर में मीठा अवश्य बनाए और उसका भोग लगाकर सब में वितरित करें.
हनुमान जी की करें विशेष पूजा
आशीर्वाद देती हुई, मुद्रा में हनुमान जी का चित्र लगाए और उनके आगे बैठकर रामचरितमानस में राम अवतार की चौपाइयां पढ़ें, ऐसा करने से हनुमान जी बहुत प्रसन्न होंगे. इसके अलावा श्री राम जय राम जय जय राम मंत्र का ताली बजाकर कीर्तन करने से हनुमान जी सभी संकटों को दूर कर देंगे और यह कार्य यदि पूरे परिवार के साथ उत्सव की भांति किया जाए, तो जीवन के सभी संकट छूमंतर हो जाएंगे.
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जब राम ने दिखाया विराट रूप तो क्या बोली कौशल्या
राम नवमी का दिन बहुत ही पवित्र है. राम नवमी के दिन प्रभु श्री राम की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को प्रभु श्री राम का जन्म अयोध्या के महाराजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र के रूप में हुआ था. भगवान ने माता कौशल्या को अपने विराट स्वरूप के दर्शन कराए तो माता ने हाथ जोड़कर उनसे विनती कर शिशुओं के समान लीला करने का आग्रह किया.
शत्रुओं से भय हो तो धारण करें यह कवच
श्री राम दरबार का चित्र लाल वस्त्र का आसन बनाकर रखें, फूलों की माला से श्रृंगार करते हुए, घी का दीपक जलाकर भजन कीर्तन करें. राम दरबार का श्रृंगार करने के बाद राम रक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य ही करें. राम धुन का संगीत भी मधुर आवाज में बजता रहेगा तो वातावरण भी राममय रहेगा. शत्रुओं से जब डर होता है तब राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करके घर से निकलने पर सुधरण कवच प्राप्त हो जाता है. श्री हनुमान जी रक्षा करते हैं. रामनवमी से प्रतिदिन पढ़ना प्रारम्भ कर दें.