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Ganesh Chaturthi Shubh Muhurat 2024: देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. देशभर में गणपति के जायकारों की गूंज सुनाई दे रही है. हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश चतुर्थी से शुरुआत होती है. इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर यानी आज से शुरू हो रही है. बता दें कि गणेश चतुर्थी का समापन अनंत चतुर्दशी गणेश विसर्जन के दिन होगा.
शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन घरों और पंडालों में गणेश जी की स्थापना की जाती है. गणेश जी की स्थापना शुभ मुहूर्त में करना शुभ माना गया है. ऐसा करने से व्यक्ति को बुद्धि में वृद्धि होने लगती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. जानें आज गणेश जी की स्थापना का शुभ मुहूर्त और नियम के बारे में.
गणेश चतुर्थी मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार आज गणेश चतुर्थी के मौके पर सुबह 11 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. वहीं, दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. सुबह 8 बजे से लेकर 09 बजकर 33 मिनट तक शुभ चौघड़ियां मुहूर्त रहेगा. और दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से लेकर 2 बजकर 11 मिनट तक चल चौघड़िया समय रहेगा.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गणेश जी की मूर्ति की स्थापना के लिए ये सभी उत्तम मुहूर्त हैं. गणेश चतुर्थी के दिन आप इनमें से किसी भी मुहूर्त में गणेश जी को विराजमान कर सकते हैं.
इस समय न करें मूर्ति स्थापित
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि गणेश जी की मूर्ति राहुकाल में स्थापित नहीं करनी चाहिए. राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य करना मना माना जाता है. बता दें कि 7 सितंबर को शनिवार के राहुकाल सुबह 9 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक का रहेगा.
इस विधि से करें गणेश जी की स्थापना
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें और मंदिर को अच्छे से साफ-सफाई करें और सजावट करें.
- बता दें कि गणेश जी की मूर्ति स्थापना से पहले मंडप बनाएं और उसे फूलों से सजाएं. ध्यान रखें इस दौरान लाल रंग के फूलों का ज्यादा इस्तेमाल करें. मंडप के पास ही कलश की स्थापना करें. कलश में गंगाजल, रोली, चावल, चांदी का सिक्का डालें. पत्तों का पल्लव डालकर एक नारियल का लाल कपड़े से बांध दें.
- मूर्ति स्थापना करने से पहले गणेश जी की मूर्ति का पंचामृत से अभिषेक करें. इसके बाद गणेश जी को वस्त्र अर्पित करें और अच्छे से श्रृंगार करें. स्थापना के बाद तीन बार आचमन करें और गणेश जी का मंत्र जप करते हुए मूर्ति स्थापित करें.
- शास्त्रों के अनुसार गणेश जी को सबसे पहले जनेऊ, चंदन, सुपारी, फल और पीले लाल रंग के फूल अर्पित करें. बप्पा को 21 दूर्वा चढ़ाएं. और कम से कम 21 मोदक का भोग जरूर लगाएं.
- वास्तु अनुसार गणेश जी को पूर्व दिशा, उत्तर पूर्व दिशा में विराजित करना शुभ माना गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)