Diwali Rangoli: दिवाली पर घर में साफ-सफाई के बाद रंगोली बनाई जाती है. मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. कहते हैं कि रंगोली को अगर वास्तु के हिसाब से बनाया जाए तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में वास करने चली आती हैं.
दिवाली के दिन बनाई जाने वाली रंगोली को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. घर के बाहर और अंदर बनायी जाने वाली रंगोली मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए बनाई जाती है. दिवाली पर शुभता और सौभाग्य को बढ़ाने वाली रंगोली को घर के किस कोने पर कैसे बनाना चाहिए और क्या है इसका धार्मिक महत्व, इस बारे में जानना जरूरी है.
रंगोली शब्द दो शब्दों से मिलकर है ‘रंग’ और ‘अवल्ली’ जिसका अर्थ है – रंगो की एक पंक्ति. घर के बाहर और अंदर बनाई जाने वाली रंगोली कई प्रकार की होती है. कमल के डिजाइन वाली रंगोली को दिवाली पर बनाना काफी शुभ माना जाता है.
रंगोली बनाते समय आटा, चावल, हल्दी, कुमकुम, फूल-पत्तियों का इस्तेमाल करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है. दिवाली पर अगर रंगोली बनाते समय केमिकल के रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहती हैं तो चावल को अलग-अलग रंगो में रंगकर भी रंगोली बनाई जा सकती है.
मां लक्ष्मी का आसन माने जाने वाले कमल की रंगोली बनाने पर वह जल्द प्रसन्न होती हैं. वास्तु के अनुसार, दिवाली के दिन घर के मुख्य द्वार पर रंगोली जरूर बनाना चाहिए. इस स्थान पर रंगोली को बनाने के लिए लाल, पीला, हरा, गुलाबी, नारंगी रंगों का प्रयोग करना चाहिए.
वास्तु के अनुसार, इन रंगों का प्रयोग करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. रंगोली के लिए भूलकर भी काले रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. रंगोली को अंगुली और अंगूठा के ज्ञानमुद्रा (प्राणायाम करते वक्त की मुद्रा) में बनाना चाहिए. अंगुलियों की ये मुद्राएं मस्तिष्क को ज्यादा ऊर्जावान और सक्रिय बना देती हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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