बृहस्पति जितना बड़ा लेकिन 10 गुना हल्का, NASA ने खोजा फूला हुआ ग्रह; ब्रह्मांड में एकदम अनोखा
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बृहस्पति जितना बड़ा लेकिन 10 गुना हल्का, NASA ने खोजा फूला हुआ ग्रह; ब्रह्मांड में एकदम अनोखा

Exoplanet WASP-107b discovery: नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की मदद से एस्ट्रोनॉमर्स ने एक्सोप्लैनेट WASP-107 b की अजीब खासियतों का पता लगाया है.

बृहस्पति जितना बड़ा लेकिन 10 गुना हल्का, NASA ने खोजा फूला हुआ ग्रह; ब्रह्मांड में एकदम अनोखा

Science News in Hindi: वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के बाहर स्थित एक ग्रह की विचित्र खासियतों की पहचान की है. WASP-107 b नामक इस एक्सोप्लैनेट की खोज 2017 में हुई थी. अब NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के जरिए यह मालूम चला है कि WASP-107 b 'फूला हुआ' है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह ग्रह असममित (asymmetric) है. मतलब, इसके वायुमंडल के एक तरफ और दूसरी तरफ के बीच काफी अंतर है. यह पहली बार है जब किसी ग्रह के वायुमंडल में पूर्व-पश्चिम विषमता की खोज की गई है.

WASP-107 b : सबसे कम घनत्व वाले एक्सोप्लैनेट्स में से एक

WASP-107 b बृहस्पति के आकार का 94% है, लेकिन गर्म है. इसका द्रव्यमान बृहस्पति से 10 गुना कम है, लेकिन पृथ्वी से 30 गुना अधिक है. Nature Astronomy जर्नल में छपे रिसर्च पेपर में रिसर्चर्स ने WASP-107 b की हैरान करने वाली विशेषताओं के बारे में लिखा है. WASP-107 b का द्रव्यमान बृहस्पति का केवल 10% है. इसका मतलब है कि यह अब तक खोजे गए सबसे कम घनत्व वाले एक्सोप्लैनेट में से एक है. और यह उम्मीद से कहीं ज्यादा 'फूला हुआ' है.

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WASP-107 b बेहद कम घनत्व और गुरुत्वाकर्षण की वजह से ब्रह्मांड में अनोखा है. इस वजह से, ग्रह का वायुमंडल इतने ही द्रव्यमान वाले अन्य ग्रहों की तुलना में कहीं अधिक फूला हुआ है. स्टडी के लीड ऑथर और एरिजोना यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन के छात्र मैथ्‍यू मर्फी के मुताबिक, 'हमारे सौरमंडल में ऐसी कोई चीज नहीं है. एक्सोप्लैनेट्स के बीच भी यह अनोखा है.

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सिर्फ 5.7 दिन में पूरी कर लेता है परिक्रमा

यह एक्सोप्लैनेट पृथ्‍वी से 210 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है और हमारे सूर्य से छोटे नारंगी तारे की परिक्रमा करता है. WASP-107b अपने तारे की परिक्रमा प्रत्येक 5.7 दिन में पूरी करता है. ग्रह और तारे के बीच की दूरी, पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी के 1/18वें भाग से भी कम है. अपने मेजबान तारे के इतना करीब होने का मतलब है कि WASP-107 b 'टाइडली लॉक्ड' है यानी यह तारे को परिक्रमा करते समय एक ही चेहरा दिखाता है. ठीक उसी तरह, जैसे पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा. यानी WASP-107 b का एक हिस्सा हमेशा दिन में रहता है, जबकि दूसरा हमेशा अंधेरे में रहता है.

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