पृथ्‍वी के सबसे नजदीक मौजूद ब्लैक होल का जोड़ा मिला, दोनों एक-दूजे के इतने करीब कि देखकर दंग हैं वैज्ञानिक
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पृथ्‍वी के सबसे नजदीक मौजूद ब्लैक होल का जोड़ा मिला, दोनों एक-दूजे के इतने करीब कि देखकर दंग हैं वैज्ञानिक

Supermassive Black Hole Pair Discovered: NASA के वैज्ञानिकों ने हबल और CHANDRA टेलीस्कोप की मदद से अब तक के सबसे नजदीकी सुपरमैसिव ब्लैक होल की जोड़ी को देखा है. ये दोनों, एक-दूसरे से सिर्फ 300 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं.

पृथ्‍वी के सबसे नजदीक मौजूद ब्लैक होल का जोड़ा मिला, दोनों एक-दूजे के इतने करीब कि देखकर दंग हैं वैज्ञानिक

Science News: दो टेलीस्कोप की मदद से अब तक के सबसे नजदीकी सुपरमैसिव ब्लैक होल की जोड़ी का पता लगा है. ये दोनों ब्लैक होल आपस में मिल रहीं आकाशगंगाओं MCG-03-34-64 में मौजूद हैं. यह धरती से करीब 800 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है. पृथ्वी से इतनी विशाल दूरी पर होने के बावजूद, यह अब तक मिले सभी एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लिआई (AGN) की निकटतम जोड़ी है. वैज्ञानिक इन दोनों ब्लैक होल की आपसी दूरी से भी हैरान हैं. ये एक-दूसरे से केवल 300 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं.

बेहद चमकीले होते हैं ऐसे ब्लैक होल वाले इलाके

सुपरमैसिव ब्लैक होल की यह जोड़ी NASA के CHANDRA और Hubble टेलीस्कोप ने मिलकर खोजी है. ये दोनों ब्लैक होल अपने आस-पास से गिरने वाली गैस और धूल को निगल जाते हैं, जिससे चमकदार प्रकाश पैदा होता है और शक्तिशाली जेट निकलते हैं. ऐसे क्षेत्रों को active galactic nuclei या AGNs कहा जाता है. ये अक्सर इतने चमकीले होते हैं कि वे अपने आसपास की आकाशगंगाओं के हर तारे की संयुक्त रोशनी को भी फीका कर देते हैं.

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हबल स्पेस टेलीस्कोप द्वारा ली गई आकाशगंगा MCG-03-34-064 की फोटो. एक सफेद दीर्घवृत्त में तीन अलग-अलग चमकीले धब्बे दिखाई देते हैं (इनसेट में). इनमें से दो चमकीले धब्बे मजबूत एक्स-रे उत्सर्जन का स्रोत हैं, जो इस बात का संकेत है कि वे सुपरमैसिव ब्लैक होल हैं. (NASA, ESA, Anna Trindade Falcão (CfA); Image Processing: Joseph DePasquale (STScI)

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कभी अलग-अलग थे, ऐसे आ रहे एक-दूसरे के करीब

Hubble टेलीस्कोप ने सुपरमैसिव ब्लैक होल की इस जोड़ी को विजिबल लाइट में देखा, जबकि CHANDRA ने एक्स-रे में. नासा के अनुसार, इस जोड़ी से भी करीब स्थित दो अतिविशाल ब्लैक होल की खोज की गई है, लेकिन उसका पता केवल रेडियो तरंगों में ही लगाया गया है, अन्य वेवलेंथ्‍स में पुष्टि नहीं हुई है. हबल और चंद्रा ने मिलकर जो खोज की है, वह अभी तक मिले ऐसे बाइनरी सिस्टमों में अनोखा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि वे दोनों एक समय में अपनी-अपनी आकाशगंगाओं के केंद्र में रहे होंगे. उन आकाशगंगाओं के बीच टकराव और विलय के कारण वे एक-दूसरे के करीब आ गए होंगे.

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करोड़ों साल बाद होगी ब्लैक होल्स की टक्कर

ये दोनों सुपरमैसिव ब्लैक होल हमेशा इतने दूर-दूर तक नहीं रहेंगे. वे एक-दूसरे के चारों ओर चक्कर लगाते हुए स्पेसटाइम में तरंगें उत्सर्जित करेंगे जिन्हें 'गुरुत्वाकर्षण तरंगें' कहा जाता है. जैसे-जैसे ये गुरुत्वाकर्षण तरंगें अंतरिक्ष में घूमती हैं, वे कोणीय गति को ब्लैक होल्स से दूर ले जाती हैं, जिसके कारण वे एक दूसरे के साथ खिंच जाते हैं और तेजी से गुरुत्वाकर्षण तरंगें उत्सर्जित करते हैं. ऐसा लगभग 100 मिलियन वर्षों तक जारी रहेगा, जब तक कि ये ब्लैक होल एक दूसरे के इतने करीब नहीं आ जाते कि उनका विशाल गुरुत्वाकर्षण उन पर हावी हो जाए, और वे अपनी मूल आकाशगंगाओं की तरह टकराने और विलीन होने के लिए मजबूर हो जाएं.

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