Sunita Williams Latest Update: भारतवंशी सुनीता विलियम्स 5 जून को स्पेस मिशन पर गई थीं. इस मिशन को पूरा कर उन्हें पृथ्वी पर लौटना था लेकिन यह वापसी अब तक 3 बार टल चुकी है.
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Sunita Williams Latest Space Mission: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स धरती पर कब लौटेंगी, अब ये सवाल गहरता जा रहा है. आपको बता दें कि अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ले जाने वाले बोइंग स्टारलाइनर को लेकर बड़ी खबर आई है. नासा ने बड़ी जानकारी दी कि अंतरिक्ष यात्रियों के पहले दल को ले जाने वाले स्टारलाइनर की वापसी को स्थगित कर दिया गया है. सुनीता विलियम्स समेत इस दल के सदस्यों की वापसी को लेकर नासा ने नई तारीख भी नहीं बताई है.
26 जून को होने वाली वापसी टली
अंतरिक्ष यान की वापसी पहले 26 जून को निर्धारित की गई थी. इससे पहले अब तक 3 बार वापसी टल चुकी है. 6 घंटे की उड़ान में कोई चूक ना हो इसके लिए नासा कोई जोखिम लेना नहीं चाहता है. खास बात ये भी है कि इस मिशन का लॉन्च भी दो बार टल चुका है. सुनीता विलियम्स 322 दिन तक अंतरिक्ष में रह चुकी हैं. ऐसे में दुनियाभर के लोगों की दिल की धड़कने बढ़ रही हैं.
21 साल पहले कल्पना चावला के साथ हादसा
अब से करीब 21 साल पहले की हैं जब अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला एक अंतरिक्ष मिशन के दौरान हादसे का शिकार हो गई थी. साल 2003 के उस दिन जैसे ही स्पेसक्राफ्ट कोलंबिया ने पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश किया, वैसे ही वो दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस तरह के किसी भी हादसे से बचने के लिए एक बार फिर नासा चौकन्ना है क्योंकि भारतीय मूल की एक और अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की तीन बार धरती पर लौटने की कोशिशें रोकनी पड़ी हैं.
5 जून को अंतरिक्ष में गई थीं सुनीता विलियम्स
सुनीता को लेकर ये अतंरिक्ष यान कब धरती पर वापसी करेगा.. ये भी तय नहीं है. अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स ने 5 जून को उड़ान भरी थी. दरअसल जिस स्पेसक्राफ्ट से सुनीता अपने साथियों के साथ अंतरिक्ष के मिशन पर निकली हैं. वो कई बार खराब हो चुका है. नासा चाहता है कि स्टारलाइनर दूसरा अमेरिकी अंतरिक्ष यान बनाए जो स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन के साथ अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक ले जा सके.
बोइंग का स्टारलाइनर कार्यक्रम वर्षों से सॉफ्टवेयर गड़बड़ियों, डिजाइन समस्याओं और उपठेकेदारों के विवाद से जूझ रहा है. स्टारलाइनर 6 जून को डॉक करने के लिए स्पेस स्टेशन के करीब पहुंचा तो थ्रस्टर फेलियर देखा गया. इस कारण अंतरिक्ष यान स्पेस स्टेशन के करीब तब तक नहीं गया जब तक खराबी ठीक नहीं कर ली गई.
पृथ्वी पर कैसे होती है अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी?
अब आपको बताते हैं कि धरती पर वापसी की पूरी प्रक्रिया क्या है. दरअसल पृथ्वी के वायुमंडल में रीएंट्री के दौरान, स्पेसक्राफ्ट 28,000 Km/घंटे की गति से धीमा होना शुरू हो जाएगा. रीएंट्री के बाद पैराशूट सिस्टम की सुरक्षा के लिए स्पेसक्राफ्ट की आगे लगी हीट शील्ड को हटा दिया जाएगा.लैंडिंग के दौरान स्पेसक्राफ्ट की गति करीब 6 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी. लेकिन ये सब बेहद चुनौतीपूर्ण होता है.
बेहद जोखिम भरा होता है अंतरिक्ष मिशन
आपको बता दें कि किसी भी अंतरिक्ष मिशन में वापसी करना बेहद जोखिम भरा होता है. नासा अधिकारियों का कहना है कि वे स्टारलाइनर की लगभग छह घंटे की वापसी यात्रा शुरू करने से पहले थ्रस्टर फेलियर, वाल्व समस्या और हीलियम रिसाव के कारणों को बेहतर ढंग से समझना चाहते हैं. स्टारलाइनर की वर्तमान उड़ान में केवल एक थ्रस्टर डेड है.