उत्तरारखंड की पहाड़ियों पर बसा कार्तिक स्वामी मंदिर जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है, 3050 की मीटर की ऊंचाई पर बने मंदिर से केदारनाथ, नंदादेवी जैसी चोटियां भी बहुत छोटी दिखाई देती हैं. यहां आने पर आप खुद को बादलों के बीच पाएंगे. साथ ही यह भारत में इकलौता ऐसा मंदिर है, जो भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय को समर्पित मंदिर है.
अगर आपको भी सबसे खूबसूरत सनराइज देखना है, तो आपको यहां का सैर जरूर करना चाहिए. आपको यहां सुबह 5:30 बजे से पहले पहुंचना होगा। इस वक्त यहां उगते हुए सूरज को देखना मन को खुश कर देता है.
कनकचौरी गांव से कार्तिक स्वामी मंदिर के लिए 3 किमी का ट्रैक जाता है. इस ट्रैक पर चलने से हिमालय पर्वतमाला के शिखर जैसे त्रिशूल, नंदा देवी और खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं.
अक्टूबर से जून तक का समय बहुत अच्छा है। अक्टूबर और नवंबर के बीच यहां कार्तिक पूर्णिमा पर उत्सव मनाया जाता है, उस समय जाकर आप और भी ज्यादा सुदंर नजारे देखने को मिलेगा.
अगर आप कार्तिक स्वामी मंदिर जा रहे हैं, तो कार्तिक स्वामी मंदिर जा रहे हैं. अगर आपका मन हो तो रुद्रप्रयाग के किसी होटल में भी स्टे कर सकते हैं. पर वहां मंदिर के पास रूकने का कोई विकल्प नहीं हैं
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